रियाणा के बल्लभगढ़ का बहुचर्चित निकिता तोमर मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। फरीदाबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग की अदालत ने वर्ष 2018 में हुए निकिता तोमर अपहरण मामले में आरोपी तौसीफ, उसकी मां असमीना और पिता जाकिर हुसैन पर मुकदमा चलाने का फैसला दिया है। इसमें मुख्य आरोपी के चाचा जावेद को आरोप मुक्त कर दिया गया है।
गत वर्ष छात्रा निकिता सिंह तोमर की हत्या करने से पूर्व मुख्य आरोपी तौसीफ ने वर्ष 2018 में भी निकिता का अपहरण कर लिया था। उस वक्त छात्रा के पिता मूलंचद ने समझौते की बात कहकर इस मामले को बंद करने के लिए अदालत में शपथ पत्र दे दिया था। इसके बाद यह मामला खत्म हो गया था। छात्रा की हत्या होने के बाद मृतक के पिता ने पुलिस को बताया था कि उस पर राजनीतिक रसूख का डर और दबाव बनाकर अदालत में शपथ पत्र दिलवाया गया था।
याचिका पर आया फैसला
हत्या के बाद पीड़ित ने इस मामले की दोबारा से जांच करने की गुहार लगाई थी। इस पर पुलिस ने जांच कर अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दिया था। वहीं, बचाव पक्ष के वकील अनीश खान ने अदालत में अपहरण के मामले को खारिज करने की याचिका लगाई थी। अब अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है।
तौसीफ और रेहान को हुई उम्रकैद
फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने निकिता की हत्या के पांच महीने बाद दोषी करार दिए गए तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन हथियार उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हुई थी। हत्या के 11 दिन बाद ही फरीदाबाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर कर दी थी।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि बीकॉम ऑनर्स की छात्रा निकिता की 26 अक्टूबर 2020 को अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की साजिश का आरोप सोहना निवासी तौसीफ, नूंह निवासी रेहान और अजरुद्दीन पर लगा था, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था।
निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर ने दोषियों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि हमें कानून के बारे में ज्यादा नहीं पता है, लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। अगर कातिलों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी तो मैं विश्वास करूंगा कि सभी का बलिदान और मेहनत सफल हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोषी उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करा कर शादी करना चाहते थे, लेकिन जब वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई।