चेक क्लोन करने वाले गैंग ने पटना कॉलेज के खाते में ही सेंध लगा दी। कॉलेज के खाते से जालसाजों ने चेक क्लोन कर 62 लाख 80 हजार रुपये की निकासी कर ली। इतनी बड़ी निकासी की बात सामने आने के बाद पीयू में हड़कंप मच गया।
इस मामले को लेकर पटना विश्वविद्यालय स्थित इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक के ऊपर केस दर्ज करवाने को लेकर आवेदन दिया गया है। एफआईआर के लिये आवेदन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ने दिया है। आवेदन में इस बात का जिक्र है कि पटना कॉलेज के खाते से चेक को क्लोन करके राशि निकाली गई। तफ्तीश के दौरान यह पता चला है कि गुजरात की ग्रीन वेजिटेबल नाम की कंपनी के खाते में चेक डाला गया था। रुपये की निकासी इंडियन बैंक के नवरंगपुरा, अहमदाबाद ब्रांच से की गयी है।
दूसरी ओर इस हाईप्रोफाइल मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने छानबीन करनी शुरू कर दी है। पीरबहोर थानेदार शफीउल अहमद ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है। बकौल थानेदार केस करने को लेकर पटना कॉलेज के प्राचार्य की ओर से आवेदन मिल गया है, जिसमें बैंक अधिकारी का नाम है। पुलिस छानबीन करने के बाद केस दर्ज करेगी।
29 अप्रैल को ही कर ली थी रुपये की निकासी
जालसाजों ने बेहद शातिराना अंदाज में पटना कॉलेज के खाते से रुपये की निकासी की। लॉकडाउन के दौरान बीते 29 अप्रैल को ही जालसाजों ने फर्जी चेक के माध्यम से गुजरात से रुपये निकाल लिये। लॉकडाउन के वक्त ही इस घटना को अंजाम दिया गया ताकि किसी को कानों-कान भनक न लगे। कॉलेज प्रशासन रुपये निकासी की बात से अंजान रहा।
चेक हुआ बाउंस तो अवैध निकासी का चला पता
चेक बाउंस होने पर कॉलेज प्रशासन को अवैध निकासी के बारे में जानकारी मिली। दरअसल, एक गेस्ट फैकल्टी को 16 हजार रुपये का चेक दिया गया था। यह चेक जब गेस्ट फैकल्टी ने पटना यूनिवर्सिटी के इंडियन बैंक में जमा किया तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद इस घटना की जानकारी कॉलेज प्रशासन को बीते 17 जुलाई को हुई। कॉलेज से लेकर बैंक स्तर तक पूरे मामले की छानबीन की गई। यह बात सामने आयी कि कॉलेज के चेक को क्लोन कर राशि की निकासी की गई है।
नामांकन से आये रुपये जमा थे
कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि इंडियन बैंक में कॉलेज का अकाउंट था। यह राशि जो निकासी की गई है, छात्रों के नामांकन से आये रुपये थे। इस घटना के बाद कॉलेज में दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और बैंक अधिकारी भी कॉलेज में जांच के लिए पहुंचे थे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दे दी है।
रुपये निकासी के लिये बनायी फर्जी कंपनी
पटना कॉलेज के खाते से रुपये की निकासी के लिये जालसाजों ने फर्जी कंपनी बनायी। ग्रीन वेजिटेबल नाम की कंपनी के नाम से फर्जी खाता खोला। सूत्रों की मानें तो अब तक की जांच में यह बात सामने आ रही है कि यह कंपनी फर्जी-नाम-पते पर खोली गयी है। हालांकि पुलिस टीम छानबीन के बाबत फिलहाल कुछ भी खुलकर नहीं कह रही। गुजरात जाने के बाद ही पुलिस को यह पता चलेगा कि कंपनी किन लोगों ने और कब खोली थी। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालेगी ताकि यह पता चले कि जिस दिन कंपनी के खाते का इस्तेमाल कर क्लोन चेक के जरिये रुपये निकाले गये उस रोज कौन लोग बैंक पहुंचे थे।