पंजाब से लेकर राजस्थान में आपसी कहल का सामना कर रही कांग्रेस के लिए एक और बुरी खबर है। अब मणिपुर कांग्रेस में भाजपा बड़ी सेंधमारी करने वाली है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस केमेटी के अध्यक्ष गोविंददास कोंथौजम ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कम से कम आठ विधायक आज यानी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। बता दें कि यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका इसलिए भी है, क्योंकि मणिपुर में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
गोविंददास कोंथौजम बिष्णुपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार छह बार कांग्रेस विधायक और एमपीसीसी के कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक थे। उन्हें पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा एमपीसीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। पिछले महीने भाजपा ने भी शारदा देवी को अपनी मणिपुर इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। शारदा देवी ने सैखोम टिकेंद्र सिंह की जगह ली, जिन्होंने मई में कोरोना के कारण दम तोड़ दिया।
गोविंददास कोंथौजम ने जून में मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर उनकी असंवेदनशीलता और सार्वजनिक तौर पर उनका मजाक उड़ाने के लिए हमला किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूछ रहे थे कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने 15 वर्षों में राज्य के लिए क्या किया। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वह इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं थे? कोंथौजम ने आगे कहा कि बीरेन सिंह ने कांग्रेस सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया था।
उन्होंने यह भी सवाल किया था कि राज्य सरकार ने कोविड -19 महामारी के दौरान लोगों को कितना पैसा वापस दिया था। उन्होंने कहा कि गरीबों को आर्थिक पैकेज देने के बजाय सीएम ने महामारी के दौरान लोगों की जेब से पेट्रोल के माध्यम से 167 करोड़ रुपये क्यों लिए?
इस बीच, कांग्रेस अपने ‘मिशन 2022’ में 60 में से 45 से कम सीटें हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कांग्रेस नेता गैखंगम गंगमेई ने कहा था कि विधायकों का दलबदल किसी भी तरह से पार्टी को कमजोर नहीं करता है। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों ने सत्तारूढ़ भाजपा को चुना है, उनमें ‘राजनीतिक सिद्धांतों की कमी’ है।