पेगासस जासूसी मामले में शिवसेना ने मंगलवार को मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। शिवसेना ने कहा कि पेगासस के जरिए जिसकी जासूसी हुई उसे ही आईटी मिनिस्टर बना दिया गया। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर यूपी की सरकार होती तो बीजेपी देश में हंगामा करती, वे सदन को सुचारू रूप से चलने नहीं थे। राउत ने आगे कहा कि हम जासूसी के इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से भी जांच की मांग करते हैं। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित साह दोनों लोगों को सच बताना चाहिए।
संजय राउत ने कहा कि जासूसी के सिलसिले में दो केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद जोशी और अश्विनी वैष्णव के नाम भी सामने आए हैं। बाद में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वैष्णव, जिनकी जासूसी भी की गई हैं, उन्हें उसी आईटी विभाग का मंत्री बनाया गया है। बता दें कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला अब तूल पकड़ लिया है। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले ही इस जासूसी कांड का खुलासा हुआ था।
किसी हो रही थी जासूसी?
द गार्डियन, द वाशिंगटन पोस्ट और द वायर सहित 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों की संयुक्त जांच में यह बात सामने आई है इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा प्रमाणित फोन नंबर करने का दावा किया जा रहा है। इनमें दो मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों, तीन विपक्षी नेताओं, 40 से ज्यादा पत्रकारों, एक न्यायाधीश और सुरक्षा एजेंसियों के पूर्व तथा वर्तमान प्रमुखों के अलावा कई उद्योगपतियों व कार्यकर्ताओं के फोन नंबर शामिल हैं।। हालांकि, भारत सरकार ने कथित जासूसी के इस मामले को बेबुनिया बताया है।