चंबल के बदन सिंह तोमर गैंग ने आगरा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.उमाकांत गुप्ता का अपहरण उन्हें हनी ट्रैप में फंसाकर किया था। गैंग की एक सदस्या संध्या ने एक महीने पहले उनके नर्सिंग होम में ज्वाइन किया। मंगलवार की शाम उसने डॉ.गुप्ता को मिलने के लिए बुलाया और फिर लांग ड्राइव के बहाने उनका अपहरण करा दिया। पुलिस ने बुधवार देर रात बीहड़ से डॉ.गुप्ता को मुक्त करा लिया है। संध्या और अपहरण में शामिल उसका एक साथ भी पकड़ा गया है।
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि संध्या एक महीने से डॉक्टर से व्हाट्स पर लगातार चैटिंग कर रही थी। उसी ने मंगलवार को डॉक्टर को मिलने के लिए बुलाया था। डॉक्टर उमाकांत गुप्ता उससे मिलने आए तो वह कार में बैठ गई। इसके बाद लांग ड्राइव के बहाने उसने डॉक्टर से अपने इशारे पर कार चलवाई। मधुनगर के पास बदमाशों ने कार को रोक लिया। संध्या उतर गई। बदमाश डॉक्टर गुप्ता को बीहड़ में ले गए। इस बीच अपहरण में शामिल एक बदमाश मंगलवार की रात धौलपुर में चेकिंग के दौरान पकड़ गया था। उससे ही पूछताछ में पूरी जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस की टीम धौलपुर में पहुंच गई। पुलिस ने संध्या और अपहरण में शामिल एक बदमाश को पकड़ लिया।
संध्या मूलत: महाराष्ट्र की निवासी है। बीहड़ में सक्रिय बदन सिंह तोमर के संपर्क में थी। बदन सिंह तोमर का संपर्क दस्यु केशव गुर्जर से है। पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि एक माह पहले संध्या नर्सिंग होम में आई थी। उस दौरान उसने डॉक्टर उमाकांत गुप्ता को अपहरण के लिए चिन्हित किया था।
पांच करोड़ की मांगते फिरौती
संध्या ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने पांच करोड़ की फिरौती मांगने का प्लान बनाया था। गिरोह को जानकारी थी कि कम से कम एक करोड़ रुपये मिल जाएंगे। यही मानकर गिरोह ने डॉक्टर गुप्ता को चिन्हित किया था लेकिन फिरौती के लिए फोन किया जाता इससे पहले पुलिस सक्रिय हो गई।