हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की कार पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा रविवार को किए गए कथित हमले की घटना के संबंध में सिरसा पुलिस ने विभिन्न आरोपों में सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सिविल लाइन पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह ने मंगलवार को कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में 100-150 प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध एक एफआईआर दर्ज की है। इसमें लोक सेवकों को कर्तव्य निर्वहन के दौरान बाधा पहुंचाना, निर्वाचित प्रतिनिधि की हत्या का प्रयास, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है। धारा 124 (ए) (राजद्रोह) को भी एफआईआर में जोड़ा गया है और आगे की जांच जारी है।
अधिकारी ने बताया कि एफआईआर में दो किसान नेताओं के नाम दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि घटना का सीसीटीवी फुटेज मंगाया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान होते ही गिरफ्तारी की जाएगी।
डिप्टी स्पीकर गंगवा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि रविवार को जिन्होंने उनके वाहन पर पथराव किया था उन्हें किसान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें किसान नहीं कहा जाना चाहिए। मैं कह सकता हूं कि जिन्होंने हमला किया था वे नशेड़ी लग रहे थे।
वहीं, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सभी को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से डिप्टी स्पीकर की कार पर हमला किया गया, उससे कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी।
सिरसा पुलिस ने पहले कहा था कि पथराव से गंगवा की एसयूवी का पिछला शीशा टूट गया। रविवार को सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के बाहर काले झंडे लिए किसान जमा हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने कहा था कि गंगवा, जो हिसार के नलवा से भाजपा विधायक हैं, एक समारोह में शामिल होने के बाद विश्वविद्यालय से बाहर आ रहे थे, तभी प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार को निशाना बनाया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद कुछ लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर हमला किया।
पुलिस ने कहा था कि इस दौरान कार पर पथराव भी किया गया क्योंकि पुलिस उन्हें वहां से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी। गंगवा इस घटना में बाल-बाल बच गए थे।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी किसान राज्य में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के सार्वजनिक कार्यक्रमों का विरोध करते रहे हैं।