दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस की स्पेशल स्टाफ की टीम ने दिल्ली में बैठकर अमेरिका के लोगों से ठगी करने वाले पांच महिला सहित 26 लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी फतेहपुर बेरी के सुल्तानपुर गांव में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इस कॉल सेंटर के मालिक ने ज्यादात्तर लोगों को सैलरी पर रखा हुआ था। सैलरी पर काम करने वाले लोगों को ज्यादा ठगी करने पर ठगी की रकम से इंसैनटिव दिया जाता था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 29 कंप्यूटर, 3 सर्वर, 2 इंटरनेट स्वीचर, 2 मार्डम और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस ने इस मामले में कॉल सेंटर के मालिक कयूम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कयूम अभी फारर बताया जा रहा है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि इंस्पेक्टर अतुल त्यागी की टीम को सुल्तानुपर के मंडी रोड पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने की सूचना मिली। सूचना को पुख्ता करने के बाद पुलिस टीम ने सोमवार को एक इमारत में छापा मारा। इमारत के प्रथम तल पर कॉल सेंटर में कंप्यूटर व अन्य ऐससरीज लगाई हुई थी। कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से कॉल सेंटर में बैठे हुए कर्मचारी अमेरिका के लोगों से बात कर रहे थे।
पुलिस ने वहां लोगों से पूछताछ की और दस्तावेज खंगाले तो सामने आया कि यह लोग विदेश में रहने वाले लोगों से ठगी कर रहे थे। आरोपी उन्हें बड़ी संख्या में लोगों को मैसेज भेजते थे कि उनका अमेजन अकाउंट हैक हो गया है। इस मैसेज को देखने के बाद जो व्यक्ति आरोपियों को फोन करता था। जिसके बाद आरोपी एनी डेस्क ऐप या फिर इस जैसे अन्य ऐप को पीड़ितों के फोन में डाउनलोड़ करवाकर उनके अकाउंट को रिपेयर करने का झांसा देते थे।
झांसे में लेने के बाद आरोपी अमेजन गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए कहते थे। इन गिफ्ट कार्ड को रिडीम करने के दौरान पीड़ितों की जानकारी जुटाकर उनके अकाउंट से पैसे निकाल कर उनके नम्बर को ब्लॉक कर दिया करते थे। पुलिस की अभी तक जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पिछले 7 माह में अमेरिका के 1250 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस आरोपियों के अकाउंट, पीड़ितों की जानकारी जुटाने के लिए दस्तावेज की जांच कर रही है।
7 महीने में 4 करोड़ से ज्यादा की ठगी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने सात महीने पहले यह फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया था। कॉल सेंटर शुरू करने के बाद उन्होंने एक लक्ष्य रखा कि रोज 6-7 अमेरिका के नागरिकों को अपना शिकार बनाएंगे। ऐसे में उन्होंने अभी तक 1250 से ज्यादा लोगों से करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी की है।
सैलरी पर रखा हुया था लोगों को
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कॉल सेंटर के मालिक कयूम ने सैलरी पर विदेशियों से बात करने के लिए रखा हुआ था। आरोपियों ने लोगों को नौकरी पर रखने से पहले विज्ञापन के जरिए केवल ऐसे लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था, जिन्हें अंग्रेजी बोलनी आती हो। यहां काम करने वाले लोगों को 25 हजार से 1 लाख तक सैलरी दी जा रही थी। आरोपियों ने बताया कि ज्यादा ठगी करने वाले लोगों को इंसैनटिव भी दिया जाता था।
केन्द्र सरकार को भी लगाया चूना
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपियों वीओआईपी कॉलिंग के लिए अवैध तकनीक अपना रहे थे। उन्होंने वैध लीगल इंटरनेशनल डिस्टेंस (आईएलडी) को बायपास किया था। जिससे वह केन्द्र सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा रहे थे। आरोपियों ने विदेश में लोगों से बात करने के लिए अपना ही एक सिस्टम बना लिया था। जिसके जरिए वह विदेशियों से बात किया करते थे।