प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक जा रहे भारतीय खिलाड़ियों से कहा कि उन्हें अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है, बल्कि पूरा फोकस अपना शत प्रतिशत देने पर लगाना है और पूरे देश की शुभकामनाएं उनके साथ हैं। मोदी ने 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों के लिए जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए उनसे वर्चुअल बातचीत की। उन्होंने भारत की पदक उम्मीद भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से बातचीत के दौरान सभी खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा, ‘आपको अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है। अपना शत प्रतिशत देना है। पूरे देश की शुभकामनायें आपके साथ है।’
टोक्यो ओलंपिक खेलने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों पीवी सिंधु (बैडमिंटन), सानिया मिर्जा (टेनिस), एमसी मैरीकॉम (मुक्केबाजी), सौरभ चौधरी और इलावेनिल वालरेविन (निशानेबाजी), दुती चंद (एथलेटिक्स), मनप्रीत सिंह (हॉकी), विनेश फोगाट (कुश्ती), साजन प्रकाश (तैराकी), दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), आशीष कुमार (मुक्केबाजी), मनिका बत्रा और अचंता शरत कमल (टेबल टेनिस) से प्रधानमंत्री ने बात की।
इस बातचीत में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, पूर्व खेलमंत्री किरेन रीजिजू, आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के अलावा खिलाड़ियों के माता-पिता भी मौजूद थे। मोदी ने कई खिलाड़ियों के माता-पिता से भी बात की। एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे तीरंदाज प्रवीण कुमार से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं का चयन सही हो तो देश की प्रतिभा क्या नहीं कर सकती, यह हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया है।’
ओलंपिक से ठीक पहले अपने पिता को खोने वाले मुक्केबाज आशीष कुमार को चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘तेंदुलकर भी एक समय बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेल रहे थे जब उनके पिता का निधन हो गया। उन्होंने अपने खेल के माध्यम से पिता को श्रृद्धांजलि दी। आपने भी वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक खिलाड़ी के तौर पर आप विजेता हैं ही, साथ ही एक व्यक्ति के तौर पर भी आपने विषमताओं पर विजय प्राप्त की है।’ दुनिया की नंबर एक तीरंदाज और हाल ही में पेरिस में वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दीपिका कुमारी से मोदी ने पूछा कि वह अपेक्षाओं के दबाव और अपने प्रदर्शन के बीच संतुलन कैसे बनाती है, इस पर दीपिका ने कहा कि वह पूरा फोकस प्रदर्शन पर रखती है।
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उन्होंने कुश्ती में पदक उम्मीद विनेश फोगाट से पूछा कि परिवार की ख्याति के कारण अपेक्षाओं का बोझ होगा, उससे कैसे निबटती हैं। इस पर विनेश ने कहा, ‘उम्मीदें जरूरी है जो अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अपेक्षाओं का दबाव नहीं है। अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहना होता है। परिवार की भूमिका अहम रहती है और हमेशा परिवार का साथ मिला।’ भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत ने हॉकी में ओंलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं और इस समय उन्हें मेजर ध्यानचंद, केडी सिंह बाबू और मोहम्मद शाहिद जैसे महान खिलाड़ियों की याद आ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय टीम सफलता के उस सिलसिले को आगे बढाएगी।