गर्मियों में सोलिड आइटम से ज्यादा लिक्विड आइटम को ज्यादा महत्तव दिया जाता है। ऐसे में चिलचिलाती गर्मी में छाछ शरीर को तरोताजा महसूस कराने में कामयाब होती है। नमकीन या मीठे छाछ से भरा एक गिलास आपको हाइड्रेटेड रखने के साथ ही पेट भी फुल कर देता है। छाछ को आप अपने स्वाद के अनुसार तैयार कर सकते हो। वहीं गर्मियों में दही का सेवन भी खूब किया जाता है, लेकिन छाछ को दही से ज्यादा बेहतर माना जाता है। तो चलिए जानते है कि गर्मियों में छाछ पीनी चाहिए या फिर दही।
milk and curd
दही में पानी डालकर मथकर छाछ बनाई जाती है। वहीं ये मथने की प्रक्रिया दही में मौजूद प्रोटीन को तोड़ देती है, जिससे इसे पचाना आसान हो जाता है। दही की तुलने में छाछ में कैलोरी भी कम होती है। 100 ग्राम छाछ में 40 कैलोरी होती है, जबकि 100 ग्राम दही में लगभग 100 कैलोरी होती है। गर्मियों के मौसम में हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है, जो जल्दी डाइजेस्ट हो जाए। ऐसे में ठंडी छाछ प्लस प्वॉइंट है। क्योंकि ये प्यास भुजाने के साथ शरीर को ठंडा रखता है। छाछ डिहाइड्रेशन से बचाता है।
buttermilk
छाछ का इस्तेमाल करके आप तरह-तरह के खाने में उपयोग कर सकते हैं। साउथ इंडिया में छाछ की मदद से स्पेशल सांभर बनाया जाता है। गुजरात में छाछ से कढ़ी, हांडवो और ढोकला बनााया जाता है। छाछ की मदद से आप केक, कुकीज भी बना सकते हैं।