वर्ष 1965 के बाद (56 साल) पहली बार वजीराबाद बैराज पर यमुना नदी का स्तर इतना गिरा है कि इसके चलते यहां नदी सूख सी गई है। हालात ऐसे हैं कि यहां बच्चे हॉकी, क्रिकेट, गुल्ली डंडा तक खेल सकते है। यह बातें सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहीं। वह पानी का स्तर गिरने पर वजीराबाद जल शोधन संयंत्र व वजीराबाद तालाब का निरीक्षण करने आए थे।
राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा ने दिल्ली के हक का करीब 120 एमजीडी पानी रोक रखा है। उपाध्यक्ष ने कहा कि यमुना में पानी का स्तर मापने के लिए निशान बनाए गए हैं। उस पर एक फुट भी पानी कम होता है तो दिल्ली में त्राहिमाम हो जाता है। अब यहां लगभग 7.5 फीट तक पानी नीचे चला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा जान-बूझकर पानी नहीं छोड़ रहा है। हरियाणा और हिमाचल में नदी का स्तर पहले जैसा ही है। वह सामान्य है, लेकिन दिल्ली में नदी सूख रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सरकार से कहना चाहूंगा कि दिल्लीवालों के हक का पानी मत मारो। यह हमारा अधिकार है।
उपाध्यक्ष ने कहा कि पानी का स्तर गिरने से खासतौर पर मध्य, पश्चिम और दक्षिण दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है। मध्य दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास भी आता है। राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और न्यायाधीशों के घर आते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय दूतावास आते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट बहुत जल्द कार्रवाई करेगा और हरियाणा को दिल्ली के हक का पानी देने के निर्देश देगा। हरियाणा को भी कानूनी और मानवीय आधार पर पानी देना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली में जल संकट के बीच पानी को लेकर एक बार फिर दिल्ली और हरियाणा सरकार के मध्य ठन गई है। दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी द्वारा दिल्ली भेजे जाने वाले पानी में कटौती की है।