उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के बीच बिजली फ्री देने की घोषणा करने की होड़ लगी हुई है। भाजपा ने 100, आप ने 300 और कांग्रेस का 400 फ्री बिजली देने का वादा किया है। हकीकत यह है कि ऊर्जा निगम अपने संसाधनों से दो सौ या तीन सौ यूनिट तो दूर, एक यूनिट भी फ्री देने की स्थिति में नहीं है। सालाना दो अरब रुपये से ज्यादा के घाटे में रहने वाला ऊर्जा निगम, अपने खर्चे ही बमुश्किल निकाल पा रहा है। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने हाल में घोषणा की थी कि सरकार राज्य में 100 यूनिट तक बिजली फ्री व 200 यूनिट तक बिजली के बिल पर 50% की छूट देगी। इसमें पहली प्राथमिकता, यूपीसीएल के संसाधनों से ही बिजली फ्री देने की रहेगी और जरूरत पड़ने पर सरकार की मदद ली जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वित्त विभाग इसके लिए तैयार होगा? वो भी तब जबकि वर्तमान में यूपीसीएल की पेंशन का भी भार सरकार के ऊपर है। पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से होता है। 25 करोड़ रुपये प्रतिमाह वेतन का खर्च निगम स्वयं उठाता है। निगम की स्थिति ये है कि बैंकों का ओवरड्रा 500 करोड़ रुपये के करीब रहता है।
आकलन:100 यूनिट फ्री देने पर खर्च होंगे करीब 210 करोड़ रुपये
राज्य में 100 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले करीब सात लाख लोगों को फ्री बिजली देने पर करीब 210 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा प्रदेश में 200 यूनिट तक की बिजली खर्च की सीमा के दायरे में लगभग 13 लाख उपभोक्ताओं आते हैं। उत्तराखंड में कुल 26 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिनमें 23 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं।
उधार: बिजली कंपनियों के भुगतान के लिए लेना पड़ा उधार
सरकार को बतौर रॉयल्टी मिलने वाली 12.5% बिजली का प्रयोग यूपीसीएल ही करता है। इसके बदले में उसे सरकार को 1200 करोड़ रुपये सालाना देने होते हैं। यूपीसीएल ने कभी 900 करोड़ से ज्यादा नहीं दिए। साथ ही एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई कंपनियों से ली जाने वाली बिजली के भुगतान के लिए यूपीसीएल को नौ प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ा।
उपाय:एक हजार करोड़ की बिजली चोरी रुके तो बने कुछ बात
यूपीसीएल को हर साल एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान सिर्फ लाइनलॉस से होता है। पिछले साल तो ये नुकसान 22 प्रतिशत से अधिक रहा। एक प्रतिशत नुकसान से 72 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इसमें बिजली चोरी, ट्रांसमिशन लॉस, बिल वसूली नहीं होने समेत तमाम कारण शामिल हैं।
100 यूनिट फ्री बिजली देने को यूपीसीएल की स्थिति ठीक की जाएगी। लाइनलॉस घटाएंगे और आमूलचूल परिवर्तन करेंगे जिससे सरकार से मदद लेने की जरूरत ही न पड़े। बहुत जरूरी होने पर ही सरकार से सहायता ली जाएगी। फ्री बिजली निगम के संसाधनों से ही देने पर जोर दिया जाएगा।
हरक सिंह रावत, ऊर्जा मंत्री
फ्री बिजली का प्रस्ताव जल्द बनाकर दें: ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने अफसरों को मुफ्त बिजली देने का प्रस्ताव जल्द तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह प्रस्ताव वित्त के अनुमोदन के साथ कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट की मुहर के बाद इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलेगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 100 यूनिट देने पर बहुत अधिक खर्च नहीं आना है और न ही कोई अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ना है। ये भार यूपीसीएल की लीकेज बंदकर काबू किए जाएंगे। हर जरूरी कदम उठाया जाएगा। सरकार का मकसद न सिर्फ यूपीसीएल को मजबूत करना है, बल्कि जनता को राहत देना भी है। इसके लिए जरूरी विकल्पों पर विचार होगा। उन्होंने कहा, ऊर्जा निगम प्रस्ताव तैयार कर रहा है। हर पहलू का आकलन किया जा रहा है। आकलन के बाद तैयार प्रस्ताव वित्त के समक्ष रखा जाएगा। वित्त समेत सभी जरूरी महकमों की क्लीयरेंस के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।