उत्तराखंड में तेज बारिश से सोमवार को 195 सड़कें बंद हो गईं। इससे कई जिलों में लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टिहरी में गंगोत्री हाईवे नगुण के पास बंद हो गया। इसके अलावा जिले में 11 ग्रामीण सड़क भी बंद हो गईं। पौड़ी में बारिश से 20 मोटर मार्ग बंद हैं। कर्णप्रयाग-नौटी-पैठाणी राज्य मार्ग 19 जून से बंद है। चमोली जिले में कुल 32 ग्रामीण सडकें दो दिनों से बंद हैं। बदरीनाथ हाइवे सोमवार सुबह तीन घंटों के लिए बाधित रहा। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि राज्य में कुल 195 सड़कें बंद चल रही है। इन्हें खोलने के लिए 306 जेसीबी लगाई गई हैं।
बारिश के बाद भूस्खलन से गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद,जगह-जगह फंसे यात्री
उत्तरकाशी जिले में बीते दो दिनों से लगतार हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्थ हो गया। सोमवार को गंगोत्री राजमार्ग नगुण तथा यमुनोत्री हाईवे धरासू के पास मलबा आने से आठ घंटे बंद रहा। जिसके चलते आम लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। सूचना मिलते के बाद मौके पर पहुंची बीआरओ और एनएच बड़कोट की टीम ने जेसीबी की मदद से मलबा साफ किया और दोपहर एक बजे तक मार्ग आवाजाही के लिए सुचारु किया। जिला मुख्यालय सहित भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, पुरोला, बड़कोट सहित मोरी व आसपास के क्षेत्र में रविवार से ही जमकर भारी बारिश हो रही है।
जिससे आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्थ हो गया। सोमवार को भारी बारिश के चलते गंगोत्री राजमार्ग नगुण और यमुनोत्री हाईवे धरासू के पास मलबा टूटकर सड़क पर आ गया। जिससे दोनों हाईवे बाधित हो गया। मौके पर स्थानीय लोगों ने आपदा कंट्रोल रूम को माग बंद होने की सूचना दी। जिसमें बाद बीआरओ व एनएच बड़कोट की टीम मार्ग खोलने में जुट गई और आठ घंटे बाद मार्ग खोल पाये। मार्ग बंद होने से स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का समाना करना पड़ा। वहीं बारिश के चलते धराली, गंगोत्री, मनेरा, मातली, सल्डा, कवा, जोगत, बडीमणी में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।
जिससे ग्रामीणों का भारी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। वहीं जनपद की आठ लिंग मार्ग भी बाधित हो गया। जिलपा आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि लगातार भारी के चलते यातायात खोलने में समय लग रहा है। वहीं जो जनपद के आठ लिंग मार्ग है के लिए संबंधित विभाग को कहा दिया है। जो शीघ्र ही मार्ग खोले जाएंगे।
बारिश के बाद बंद हो गईं 30 सड़कें, जानिए कौन से रूटों पर आवाजाही प्रभावित
देहरादून जिले के चकराता ब्लॉक में भारी बारिश के कारण जौनसार बावर के मुख्य मार्गों समेत करीब तीस ग्रामीण मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गए हैं। जिससे ग्रामीणों का ब्लॉक मुख्यालय, तहसील मुख्यालय और आसपास के बाजारों से संपर्क कट गया है। मार्ग बंद होने के कारण ग्रामीण अपनी नगदी फसलों को भी मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग जल्द सभी मार्गों को खोलने का दावा कर रहा है। लोनिवि साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि सभी मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी मशीन लगा दी गई हैं।
ये मार्ग हैं बंद: लोक निर्माण विभाग चकराता के अधीन आने वाले खारसी मोटर मार्ग, पुरोड़ी-रावना-डामटा, रिखाड़, कोटी-कनासर, क्यारापुल-साहिया, मेघाड़-म्यूंडा, राठू-गुठाड़, रावना-पुरोड़ी और छुटोऊ मोटर मार्ग बंद हैं। जबकि लोनिवि साहिया के अधीन आने वाले कालसी-चकराता मुख्य मार्ग, निथिला-बिसोई, साहिया-क्वानू, हरिपुर-कोटी-इच्छाड़ी, मीनस-अटाल, कोठा बैंड-पंजिया, पजिटिलानी-चंदेऊ, सैंज, सुरेऊ-भंजरा, उभरेऊ, उत्पाल्टा, नराया-लोरली, शंभू की चौकी-पंजिया, अलसी-ककाड़ी, साहिया-समाल्टा, मसराड़, माख्टी, दातनू-बडनू, बिजोऊ-खतार, गडोल-सकरौल, बोहा, कोरुवा-क्वारना, मगरौली, होड़ा, खमरौली, चिबोऊ मार्ग बंद पड़े हुए हैं।
देहरादून जिले में दो दिनों तक लगातार हुई भारी बारिश ने जौनसार बावर में जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। सड़कें बंद होने से लोग गांवों में कैद हो गए हैं। जबकि कई गांवों में भारी मात्रा में मलबा आने से आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों के कई बीघा खेत मलबे में दब गए हैं। इसके साथ ही कई घरों में भी मलबा घुसने से ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। हैरानी की बात है कि अभी तक प्रशासनिक अमला प्रभावित गांवों तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण खुद ही सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने और अपने सामान को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। हालांकि साहिया बाजार में दोपहर बाद तहसीलदार ने निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया।