चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर जंग तेज हो गई है। चीन ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए वहां से आयातित कई और वस्तुओं पर सोमवार को नया शुल्क लगाने की घोषणा की। साथ ही अमेरिका पर धमकाने का भी आरोप लगाया। प्रौद्योगिकी को व्यापारिक टकराव के बीच चीन ने संकेत दिया है कि वह इस मामले में नहीं दबेगा। चीन आमेरिका के बीच व्यापार वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम बनता जा रहा है। चीन के सीमा शुल्क विभाग ने कहा है कि उसने 5,207 अमेरिकी वस्तुओं पर 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लेना शुरू किया है।
इसमें शहद से लेकर औद्योगिक रसायन तक शामिल है। चीन ऐसी 60 अरब डॉलर की वस्तुएं सालना मंगाता है। चीन सरकार ने एक रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन पर व्यापार को लेकर धमकाने और आर्थिक मोर्चे पर अपने दबदबे को मनवाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। चीन इस मामले में उचित समाधान चाहता है लेकिन किसी तरह की रियायत नहीं देने के संकेत दिये।
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200 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाया था अमेरिका ने
चीन का यह शुल्क अमेरिका द्वारा लगाये गये शुल्क से मेल खाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से 200 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाया था। यही नहीं, ट्रंप ने चीन से होने वाले शेष 267 अरब के आयात पर भी शुल्क लगाने की धमकी दी थी। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन सरकारी सहायता से वहां की रोबोटिक्स और अन्य प्रौद्योगिकियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है। उसकी यह योजना बाजारोन्मुख नीति अपनाने के उसके दायित्वों का उल्लंघन और इससे औद्योगिक क्षेत्र में अमेरिकी अग्रणी स्थिति खत्म हो सकती है।