राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के नजदीक पंजाब के एक किसान की करंट लगने से मौत हो गई। पिछले सात महीने से किसान सिंघु बॉर्डर पर केंद्र के तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। मृतक किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पिछले महीने ही सिंघु बॉर्डर आए थे।
मृतक किसान की पहचान सोहन सिंह (42) के रूप में हुई है। सोहन सिंह का शव रविवार को सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर बिजली के एक ट्रांसफर्मर के नजदीक से मिला था। यह इलाका हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली में आता है।
कुंडली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रथमदृष्टया करंट लगने से सोहन सिंह मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता लग सकेगा।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली-यूपी और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही। कृषि कानूनों को रद्द कराने की जिद पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।
बता दें कि किसान पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।