यूरो कप 2020 के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की टीम का सामना विजय रथ पर सवार इटली से होना है। इटली की टीम ने पिछले 33 मैचों से हार का मुंह नहीं देखा है और टीम फाइनल में भी इसी लय को बरकरार रखने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। वहीं, दूसरी तरफ इंग्लैंड ने टूर्नामेंट में अपने खेल से हर किसी का दिल जीता है ऐसे में टीम के पास इस बार 55 साल के सूखे को खत्म करने का सुनहरा मौका होगा। इंग्लैंड की टीम यूरो कप के फाइनल में पहली बार अपनी जगह बनाने में सफल रही है।
इंग्लैंड की टीम ने सेमीफाइनल में डेनमार्क को हराकर फाइनल का अपना टिकट कटवाया है। फाइनल मैच में टीम के स्टार खिलाड़ी हैरी केन पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। इंग्लैंड को फाइनल मुकाबले में घरेलू दर्शकों का साथ मिलेगा और टीम अपने फैन्स के लिए पहली बार यूरो कप का खिताब जीतने के लिए पूरा दम जरूर लगाएगी। इंग्लैंड की टीम ने साल 1966 में विश्व कप को अपने नाम किया था और उसके बाद से टीम पहली बार किसी टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंची है। इंग्लैंड 2018 वर्ल्ड कप में भी सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थी। ऐसे में टीम के पास होम ग्राउंड में छा जाने का इससे बेहतर मौका शायद ही होगा।
दूसरी तरफ इटली की टीम ने मैच दर मैच अपने प्रदर्शन से हर किसी को अपना दीवाना बनाया है। लगातार 33 जीत दर्ज कर चुकी इटली की टीम मानो भूल चुकी है कि हार जैसी भी कोई चीज होती है। खास बात यह है कि इटली के पास बड़े टूर्नामेंट्स का फाइनल खेलना का अनुभव भी मौजूद है, जो उनको इस खिताब के लिए फेवरेट बनाता है। इटली ने साल 1968 में यूरो कप पर कब्जा जमाया था। इसके बाद टीम 2000 और 2012 में भी फाइनल तक पहुंची, लेकिन पहले फ्रांस और फिर स्पेन ने टीम के सपने को चकनाचूक कर दिया। हालांकि, टीम इस बार कोई गलती नहीं करना चाहेगी। टीम के मिडफील्डर निकोलो बरेला ने अपने प्रदर्शन से इस टूर्नामेंट में काफी प्रभावित किया है और वह फाइनल में इंग्लैंड की टीम को भी परेशानी में डाल सकते हैं।
क्या कहते हैं हेड टू हेड के आंकड़े
इंग्लैंड और इटली की टीम फुटबॉल के इतिहास में 27 दफा एक दूसरे के खिलाफ मैदान पर उतरी हैं। इसमें से इटली के हाथों 11 मुकाबलों में जीत लगी है, जबकि इंग्लैंड ने 8 मैच अपने नाम किए हैं। 8 मैच ड्रॉ रहे हैं। आखिरी बार यह दोनों टीमें साल 2018 में भिड़ी थी और तब मैच 1-1 से बराबर रहा था।