हरियाणा के यमुनानगर में शनिवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी किसान राज्य के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
डीएसपी (बिलासपुर) आशीष चौधरी ने बताया कि राज्य के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा शनिवार को यमुनानगर स्थित रामविलास भवन में बैठक करने पहुंचे थे। इसके लिए स्थानीय विधायकों और मंत्रियों का भी यहां आना था। किसानों ने ऐलान किया था कि हम इनका विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर ये कार्यक्रम नहीं होने देंगे।
डीएसपी ने बताया कि किसानों ने जब इस बैठक को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस और किसानों में झड़प हो गई। इस दौरान कुछ लोगों ने बैरिकेड पर ट्रैक्टर तक चढ़ा दिया, लेकिन पुलिस उन्हें काबू करते हुए सफलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन कराने में सफल रही।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसान नेताओं से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बीच में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बात नहीं मानते हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने गिरफ्तारियां दी हैं। पुलिस बैरिकेडिंग को ट्रैक्टर से टक्कर मारने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने शुक्रवार को कहा था कि हम किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वे कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करना चाहते हैं। वे इस देश में लोकतंत्र नहीं चाहते हैं। लोग अब जान चुके हैं कि ये तथाकथित नेता किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और केवल राजनीतिक लाभ के लिए लड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली-यूपी और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही।
कृषि कानूनों को रद्द कराने की जिद पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।