भारत के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच अब चीन ने नई चाल चली है। चीन अब तिब्बती सैनिकों को ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध करने की खास ट्रेनिंग दे रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि चीन अब तिब्बती सैनिकों की भर्ती कर रहा है। भर्ती के दौरान इन तिब्बती सैनिकों को कई तरह की लॉयलिटी टेस्ट से भी गुजरना पड़ रहा है। इसके तहत तिब्बती सैनिकों को चीनी भाषा सीखने के लिए कहा जा रहा है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को सर्वोच्च मानने के लिए कहा जा रहा है। तिब्बती सैनिकों से यह भी कहा जा रहा है कि वो पार्टी के नियमों को सबसे ऊपर मानें, फिर चाहे वो दलाई लामा हीं क्यों ना हों। यह भी कहा जा रहा है कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद चीन इस तिब्बती सैनिकों को LAC पर तैनात कर सकता है। सवाल यह है कि क्या चीन इन तिब्बती सैनिकों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी करेगा?
न्यूज एजेंसी ‘ANI’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी, इंडियन स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि भारत के इस खास फोर्स में कई तिब्बती सैनिक हैं जिन्हें पहाड़ों पर लड़ाई लड़ने में महारत हासिल है। पिछले साल अगस्त के महीने में इंडियन आर्मी और इसी फोर्स ने मिलकर चीनियों को पैंगॉन्ग इलाके में ऊंचाई वाले क्षेत्र पर कब्जा करने से रोका था।
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि चीनी आर्मी में शामिल हो रहे इन तिब्बती सैनिकों को स्पेशल ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा रहा है और हाल ही में इन्होंने अभ्यास भी किया है। आपको बता दें कि तिब्बत के हिस्से वाले चीन में बड़ी संख्या में लोग चीन के खिलाफ हैं। वहां पर अधिकतर दलाई लामा के अनुयायी भी हैं जो दलाई लामा को लेकर चीन की नीतियों को जरा भी पसंद नहीं करते हैं।
बता दें कि कुछ वक्त पहले चीन और भारत के बीच सीमा पर जबरदस्त तनाव देखने को मिला था। दोनों देशों के सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। फिलहाल सीमा पर दोनों देशों के बीच शांति है। इस तनाव को कम करने के लिए कई राउंड की बातचीत मिलिट्री लेवल और डिप्लोमैटिक लेवल पर हो चुकी है। हालांकि, चीन पर भरोसा करना इतना आसान नहीं लिहाजा इंडियन आर्मी लगातार सीमा पर चीनी गतिविधियों पर नजर रख रही है। भारतीय एजेंसियों और सुरक्षा बलों के पास इस बात का इनपुट है कि चीन युवा तिब्बतियों को अपनी सेना में शामिल करने की कोशिश में जुटा है।