पश्चिम बंगाल में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य सौमित्र खान ने पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और फेसबुक पर वीडियो डाल कर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला। हालांकि, चंद घंटों के बाद ही सौमित्र खान ने अपना इस्तीफा वापस भी ले लिया। खान ने दावा किया था कि शुभेंदु अधिकारी, भाजपा की सभी उपलब्धियों का श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रहे हैं।
खान ने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया लेकिन फेसबुक पर उनका वीडियो और बंगाल से भाजपा के कुछ सांसदों को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाने की खबरें एक साथ आईं। विष्णुपुर से बीजेपी सांसद खान ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने फेसबुक पर कहा, ‘व्यक्तिगत कारणों से आज मैं भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई का कार्यभार छोड़ रहा हूं। मैं भाजपा में था, मैं भाजपा में हूं और रहूंगा।’
इसके कुछ घंटों बाद सौमित्र खान ने एक और फेसबुक पोस्ट के जरिए अपना इस्तीफा वापस लिए जाने की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, ‘बीजेपी नेता बीएल संतोष, अमित शाह और तेजस्वी सूर्या के कहने पर सम्मान के तौर पर मैं अपना इस्तीफा वापस लेता हूं।’
खान, 2018 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। हालांकि, खान ने अधिकारी को निशाना बनाया और कहा कि एक नेता लगातार दिल्ली की यात्रा कर रहा है और पार्टी की हर उपलब्धि के लिए खुद श्रेय ले रहा है।
उन्होंने कहा, ‘राज्य के इस नेता प्रतिपक्ष को आईना देखने की जरूरत है। वह नई दिल्ली के नेताओं को भ्रमित कर रहा है। वह खुद को बंगाल में पार्टी का सबसे बड़ा नेता समझता है।’ खान ने दावा किया कि केवल एक या दो जिले के नेता राज्य में पूरा संगठन चला रहे हैं।
दिलीप घोष पर भी साधा था निशाना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की आलोचना करते हुए असंतुष्ट नेता ने कहा, ‘जो कुछ भी होता है उन्हें उसका आधा ही समझ में आता है। वह पूरा समझ ही नहीं पाते। विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी साझा करते हुए खान ने कहा, ‘मेरे लिए अब पद छोड़ने का समय आ गया है। मैंने कभी किसी पद के लिए लालच नहीं किया।’ वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने खान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
शुभेंदु बोले- छोटा भाई है सौमित्र
सौमित्र के आरोपों पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं इसे गंभीरता से नहीं लेता। वह मेरा छोटा भाई है। मैं दिल्ली जाऊंगा और उनके आवास पर भोजन करूंगा। मैंने 2011 में कोटुलपुर में सौमित्र खान के लिए प्रचार किया था। मैं उन्हें शुभकामनायें देता हूं।’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह फेसबुक के वीडियो को ज्यादा महत्व नहीं देते। यह पूछे जाने पर कि क्या खान के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, अधिकारी ने कहा, मुझे संगठन के मामलों पर बात नहीं करनी चाहिए। इसका निर्णय प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष करेंगे। खान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा के पुराने और नए नेताओं के बीच दुश्मनी अब खुलकर सामने आ गई है।