मोदी मंत्रिमंडल में जिस तरह से बंगाल से चार नेताओं की एंट्री हुई है, उससे यह संकेत मिल गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। बंगाल चुनाव में खराब प्रदर्शन की गाज बाबुल सुप्रियो और देबोश्री चौधरी पर गिरी है। दोनों की मोदी मंत्रिमंडल से विदाई हो गई है, लेकिन चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करके बंगाल में भाजपा की जमीन मजबूत करने की कोशिश अभी से शुरू कर दी गई है।
सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रामाणिक को मंत्री बनाया गया है। हालांकि, ममता ने बाबुल और देबोश्री की विदाई सहित बड़े बदलाव पर तंज भी कसा। देबोश्री के इलाके रायगंज में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। वहीं बाबुल अपना चुनाव भी नहीं जीत पाए थे। साथ ही चुनाव के दौरान ही पार्टी के कुछ फैसलों पर उन्होंने सवाल खड़े किए थे। जानकारों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर कैबिनेट में बदलाव किए गए हैं।
मतुआ समुदाय का ख्याल :
मोदी सरकार में नए मंत्री बने शांतनु ठाकुर सिर्फ 38 साल के हैं। वह बोगांव लोकसभा सीट से पहली बार के सांसद हैं। वह मतुआ समुदाय के वरिष्ठ नेता हैं। मतुआ समुदाय ने विधानसभा चुनाव में भाजपा का जबरदस्त साथ दिया था। लिहाजा समुदाय के नेता के तौर पर शांतनु ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह मिली। उन्होंने कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया है। उनके पास हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी है।
बंगाल से डॉ सुभाष सरकार बांकुरा लोकसभा सीट से पहली बार के सांसद हैं। वह एम्स (कल्याणी) के बोर्ड मेंबर और गायनोकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) हैं। वह रामकृष्ण मिशन से जुड़े हुए थे। वह करीब पांच दशक से सार्वजनिक जीवन में हैं। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री ली है। 67 साल के सरकार का जन्म मेदिनीपुर में हुआ है।