पेट्रोल के दाम में आज फिर 35 पैसे की तगड़ी बढ़ोतरी हुई और साथ ही डीजल भी हर लीटर पर 9 पैसे महंगा किया गया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है। बुधवार को कच्चा तेल फिर करीब दो फीसदी टूटा और इसके उलट दिल्ली के बाजार में गुरुवार को पेट्रोल 100.56 रुपये प्रति लीटर व डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर चला गया। कच्चा तेल के बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेगे और इससे आपकी जेब पर क्या-क्या पड़ेगा असर, देखें यहां..
1. आदमी की जेब पर महंगाई को बोझ बढ़ेगा
पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस महंगा होने से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल की बढ़ती कीमतें महंगाई बढ़ाने का काम करेगी।
माल भाड़ा बढ़ने से तमाम जरूरी के सामान महंगे होंगे।
महंगाई बढ़ने से आरबीआई ब्याज में कटौती नहीं कर पाएगा।
ईएमआई में लोगों को राहत नहीं मिलेगी। कुल मिलकार ईंधन की कीमत में लगी आग हर तरफ से संकट बढ़ाने का काम करेंगे।
2. सुधार की रफ्तार पर पड़ेगा असर
कच्चे तेल के भाव में इजाफे से उपभोक्ता खर्च कम हो जाएगा।
यह सुधार की रफ्तार को धीमी करने का काम करेगा।
जब बाजार में खरीदारी ही नहीं होगी तो मांग पैदा करना मुश्किल होगा।
यह रोजगार के अवसर को कम करने का काम भी करेगा।
पेट्रोल के दाम में आज फिर 35 पैसे की तगड़ी बढ़ोतरी हुई और साथ ही डीजल भी हर लीटर पर 9 पैसे महंगा किया गया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है। बुधवार को कच्चा तेल फिर करीब दो फीसदी टूटा और इसके उलट दिल्ली के बाजार में गुरुवार को पेट्रोल 100.56 रुपये प्रति लीटर व डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर चला गया। कच्चा तेल के बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेगे और इससे आपकी जेब पर क्या-क्या पड़ेगा असर, देखें यहां..
3. रुपया होगा और कमजोर
भारत को क्रूड के दाम बढ़ने से नुकसान होगा क्योंकि भारत अपनी जरूरत को 86 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। आयत बिल बढ़ने से चालू खाता और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। इससे बाजारों से विदेशी फंडों की निकासी बढ़ेगी और रुपया और कमजोर होगा।