प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को पुणे भूमि सौदा मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिं केस में बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। गिरीश चौधरी को मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया गया था और पूरी रात उनसे पूछताछ चली। इस दौरान गिरीश के कई दस्तावेजों की जांच हुई है।
ईडी ने इससे पहले जनवरी में एकनाथ खडसे से इसी मामले में पूछताछ की थी। बीजेपी से एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे को ईडी ने दिसंबर में नोटिस भेजकर पेश होने के लिए कहा था। हालांकि, कोरोना का हवाला देते हुए वे जनवरी के मध्य में ED के सामने पेश हुए थे। एकनाथ खडसे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का भी रुख किया था। सुरक्षा की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था और आरोप लगाया था कि ईडी ने भाजपा से एनसीपी में जाने के बाद कार्रवाई की। हालांकि, एजेंसी ने अदालत को बताया था कि एकनाथ खडसे आरोपी नहीं थे, लेकिन पेश न होना गिरफ्तारी का आधार बन सकता है। इसके बाद खडसे ED के सामने पेश हुए थे।
2 लाख में जमीन खरीद 7 करोड़ में बेचने का है आरोप
एकनाथ खडसे 2014 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में राजस्व मंत्री थे। जांच एजेंसी ईडी का दावा है कि एकनाथ खडसे ने अपने पद का दुरुपयोग करते पुणे के MIDC इंडस्ट्रियल एरिया में 2 लाख रुपये में जमीन खरीदी और उसे 7 करोड़ में बेचा था। आरोप ये है कि ये पैसा बाद में उन फर्मों में ट्रांसफर किया गया जो खडसे के परिवार से जुड़ी हैं। हालांकि, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगने के बाद जून 2016 में उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिस तीन एकड़ जमीन से जुड़ा ये मामला है वो अप्रैल 2016 में ही खरीदी गई थी।
अप्रैल 2017 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर एकनाथ खडसे के खिलाफ केस दर्ज किया। उनकी पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी के खिलाफ भी केस किया गया। कंस्ट्रक्शन फील्ड से जुड़े हेमंत गवांडे नाम के एक शख्स की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया था, जिसमें हेमंत ने दावा किया था कि खडसे ने पुणे के भोसारी स्थित MIDC की जमीन में फ्रॉड किया।