सखी सैयां तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खाए जात है। इस गीत से जुड़ा एक मामला आगरा के परामर्श केंद्र पहुंचा। दंपति के बीच विवाद की वजह घर का खर्च था। बढ़ती महंगाई और पति के सीमित वेतन ने पति और पत्नी के बीच रार करा दी। पत्नी का कहना था कि पति जितना रुपया देते हैं, अब उससे ज्यादा महंगाई है। ऐसे में खर्चा कैसे चलेगा। पति ने जब पत्नी की मांग नहीं मानी तो उसने घर में हंगामा खड़ा कर दिया। मामला परामर्श केंद्र पहुंचा। काउंसलिंग के दौरान पति आठ हजार रुपया देने को राजी हुआ तो पत्नी भी उसके साथ जाने को तैयार हो गई। रविवार को केंद्र पर तीन जोड़ों में सुलह कराई गई। दो मामलों में एफआईआर की संस्तुति की गई है।
परिवार परामर्श केंद्र में दंपति झगड़ते हुए पहुंचे। पति उसे बार-बार मनाने में लगा था, लेकिन पत्नी का पारा चढ़ा हुआ था। पत्नी बार-बार एक ही बात बोल रही थी कि खर्चा बढ़ओगे कि नहीं। काउंसलर ने दोनों को बैठाया और मामले की सुनवाई शुरू की। पति जूते का काम करता है। उसे सीमित वेतन मिलता है। पिछले पांच साल से वह पत्नी को घर खर्च के लिए तीन हजार रुपया देता आ रहा है, जबकि इतने में गुजारा नहीं हो पाता। शादी को दस साल हो चुके हैं। उनके एक बेटा है। खर्चे की बात को लेकर दोनो में तकरार बढ़ गई। गुस्से में आई पत्नी मायके पहुंच गई और पति की पुलिस से शिकायत कर दी। पत्नी का कहना था कि पति के वेतन के रुपये बढ़ गए हैं, लेकिन घर खर्च अभी भी तीन हजार ही है। इतने में रसोई का खर्च, कपड़े, किराया और अन्य खर्चों की पूर्ति नहीं हो पाती। खर्चा बढ़ाने की बात करने पर चुप्पी साध लेते हैं। ज्यादा कहने पर कलह होती है। पत्नी ने महीने में आठ हजार रुपया खर्चा देने की मांग की। इसके अलावा सिलेंडर, बिजली बिल, बेटे की फीस, बीमारी के खर्चे पति के खाते में डाले। पति का कहना था कि घर खर्च वही करता है। उसका वेतन इतना नहीं है, फिर भी वह पत्नी की सारी शर्तें मानने को तैयार है। इसके बाद दोनों में राजीनामा हुआ और पत्नी खुशी-खुशी पति के साथ गई।
दो मामलों में की गई मुकदमें की संस्तुति
परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि 45 जोड़ों को बुलाया गया था, जिनमें 43 जोड़े उपस्थित हुए। दहेज की मांग, मारपीट आदि आरोपों के 3 मामलों में काउंसलिंग के बाद समझौता हुआ। 18 फाइलों को अन्य कारणों से निस्तारित किया गया। 15 मामलों में आए एक पक्ष को सुनवाई के लिए अग्रिम तिथि दी गई है। 5 जोड़ों में कोई फैसला न होने पर अगली तारीख पर बुलाया गया है। 2 मामलों में मुकदमे की संस्तुति कर फाइल ऊपर भेजी गई है।
तीसरी लहर को बुला रहा परामर्श केंद्र
परिवार परामर्श केंद्र पर जुटने वाली भीड़ पर कोई लगाम नहीं है। रविवार को केंद्र के गेट पर इस कदर भीड़ जमा थी कि आने-जाने का रास्ता भी बाधित हो गया। केंद्र प्रभारी बार-बार लोगों से अनुरोध कर रहे थे कि नाम बोलने पर ही पक्ष को आएं, लेकिन लोग अनसुना कर दरवाजे पर जमे रहे। केंद्र से महिला पुलिस कर्मी बार-बार लोगों को हटाती रही। इस दौरान बहुत सारे लोग मास्क नहीं लगाए थे साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा था। केंद्र पर दूसरे राज्यों, जनपदों से भी लोग आते हैं। तेजी से फैलने वाला कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट विभिन्न राज्यों में मिला है। ऐसे में बीमारी यहां तक पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।