अवैध धर्मांतरण मामले की जांच का दायरा बढ़ जाने के कारण एटीएस के सामने मैनपॉवर की कमी आड़े आ रही है। इस कारण प्रदेश के 32 जिलों में पुलिस की विशेष टीमें बनाकर इस मामले की जांच कराई जा रही है। इस बीच धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार अन्य तीन अभियुक्तों से पूछताछ शुरू कर दी गई है। अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लाए गए सलाहुद्दीन को शुक्रवार को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। उसकी कस्टडी रिमांड पर सुनवाई बाद में होगी।
कोर्ट से पांच दिनों की कस्टडी रिमांड मंजूर होने के बाद एटीएस ने शुक्रवार को इरफान शेख, राहुल भोला व अब्दुल मन्नान उर्फ मन्नू यादव को जिला जेल लखनऊ से प्राप्त किया। अलग-अलग टीमें गठित करके तीनों से पूछताछ शुरू कर दी गई है। तीनों को गत 28 जून को अवैध धर्मांतरण मामले में ही गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में 30 जून को अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख को लखनऊ लाकर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। एटीएस ने उसकी 10 दिनों की कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है, जो अभी विचाराधीन है। उसकी रिमांड मंजूर होने के बाद एटीएस इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर गौतम व काजी जहांगीर आलम के साथ रिश्तों के बारे में पूछताछ करेगी। गुजरात के बड़ोदरा में मिशन रोड पर स्थित कृष्णदीप टॉवर में रहने वाले सलाहुद्दीन के बारे में जानकारी मिली है कि वह धर्मांतरण के लिए उमर गौतम को हवाला के जरिए पैसे भेजता था। एटीएस उससे हवाला रैकेट के बारे में विस्तृत पूछताछ करने की तैयारी में है।