अफगानिस्तान में बचे अमेरिका के अंतिम सैनिक जहां आगामी दिनों में देश छोड़कर जाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान युद्ध में उनकी सेना सितंबर तक शामिल रहेगी और अफगान बलों के बचाव के लिए तालिबान के खिलाफ हवाई हमले के विकल्प को खुला रखा जाएगा। अधिकारियों ने पहले कहा था कि अमेरिका के मुख्य सैन्य बल और इसके उपकरणों की अफगानिस्तान से वापसी का काम इस हफ्ते के अंत तक काफी कुछ पूरा हो जाएगा। वापसी के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने 11 सितंबर की समयसीमा तय की थी। अधिकारियों ने कहा था कि अफगानिस्तान में अमेरिका शीर्ष कमांडर जनरल स्कॉट मिलर भी लौट आएंगे जो अमेरिकी मिशन में एक उल्लेखनीय परिवर्तन होगा। हालांकि कई जटिल तथ्य ऐसे हैं जिनका अर्थ है कि बीस साल से जारी युद्ध में अमेरिका का दखल अभी खत्म नहीं होगा।
अधिकारियों ने बताया कि जब मिलर अफगानिस्तान से रवाना हो जाएंगे तो तालिबान पर हमले करने समेत उनके अधिकार एवं अलकायदा समेत अन्य समूहों के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अभियान की जिम्मेदारी जनरल फ्रैंक मैक्केंजी संभालेंगे जो पश्चिम एशिया में अमेरिका के शीर्ष कमांडर हैं। अधिकारियों ने बताया कि हाल के हफ्तों में अफगान बलों के समर्थन में अमेरिका ने कई हवाई हमले किए हैं जो अफगानिस्तान के बाहर से आए लड़ाकू विमानों के जरिए किए गए हैं और ये हमले जारी रहेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अफगानिस्तान में अमरिका के नए कमांडर होंगे नौसेना के रियर एडमिरल पीटर वाज्ले जो अमेरिकी दूतावास में सुरक्षा अभियान के प्रमुख होंगे। वह काबुल में हैं और मिलर के साथ काम कर रहे हैं। वाज्ले के साथ करीब 650 अमेरिकी सैनिक होंगे जिनमें से ज्यादातर राजनयिक मिशन की सुरक्षा के लिए होंगे। यह बल अफगानिस्तान में अनिश्चित काल के लिए रहेगा। इसके अलावा मैक्केंजी के पास करीब 300 और सैनिकों को अफगानिस्तान में रखने का अधिकार होगा जो हवाईअड्डे की सुरक्षा समेत अन्य सुरक्षा कदमों में मदद देंगे।
पेंटागन और अमेरिका के अन्य नेताओं ने अफगानिस्तान में हाल के समय में हिंसा अधिक होने को लेकर आगाह किया है और ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि वहां पर गृह युद्ध हो सकता है तथा अफगान सरकार तथा उसकी सेना घुटने टेक सकती है।अमेरिकी सेना ने करीब 20 साल के बाद बगराम एयरफील्ड को भी छोड़ दिया है, जो कभी तालिबान को उखाड़ फेंकने के लिए हुए युद्ध और अमेरिका पर 9/11 में हुए आतकंवादी हमले के जिम्मेदार अल-कायदा के साजिशकर्ताओं की धर-पकड़ के लिए सेना का केंद्र रहा था। अमेरिका के दो अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि एयरफील्ड ‘अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा बल को पूरी तरह से सौंप दिया गया है।