पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार पर जोरदार हमला बोला है। बिलावल जरदारी ने इमरान खान पर “नया पाकिस्तान के नाम पर जनता की जिंदगी को जहन्नुम बनाने” का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि देश में महंगाई इतनी है कि सरकारी कर्मचारी आत्महत्या करने को मजबूर है। तीख हमले करते हुए बिलावल ने इमरान खान पर दोगलेपन का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता उनका लेक्चर नहीं सुनना चाहती है।
नेशनल असेंबली में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रधान मंत्री इमरान के बजट भाषण के बाद, बिलावल ने कहा कि सरकार लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही थी, सरकार ने गरीबों के बजाय अमीरों के लिए सभी काम किए हैं। उन्होंने कहा, “जनता प्रधानमंत्री का लेक्चर नहीं सुनना नहीं चाहती।” कुछ दिनों पहले बजट को लेकर बिलावल ने कहा था कि पाक पीएम देश के नागरिकों की दुर्दशा को अनदेखा कर रहे हैं और वो बहरे और गूंगे हो गए हैं।
गरीबी और बेरोजगारी को लेकर बोला हमला
पीपीपी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से पिछले तीन सालों में उनके काम का लेखा-जोखा देने को कहा उनका कहना था कि देश में गरीबी और बेरोजगारी में “ऐतिहासिक वृद्धि” हुई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बिलावल ने कहा कि सरकार ने बजट पेश करते समय विपक्ष को साथ नहीं लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण की भी निंदा की और बजट के लिए कहा कि यह “केवल शब्दों के हेरफेर के अलावा यह कुछ नहीं है”।
सरकारी कर्मचारी आत्महत्या करने को मजबूर
बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान के लोग अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि कराची, क्वेटा, पेशावर और लाहौर के मुद्दों पर बात करना चाहते हैं।
बिलावल ने देश में बढ़ती हुई मंहगाई का हवाला देते हुए कहा कि देश में बढ़ती महंगाई के कारण सरकारी कर्मचारी आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि नए बजट से देश की अर्थव्यवस्था में और गिरावट आएगी।