वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम करीब 2 फीसद गिरे, इसके बावजूद मंगलवार को पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ गए। इस बढ़ोतरी के बाद पहली बार पश्चिम बंगाल में पेट्रोल 100 और राजस्थान में 110 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है। पश्चिम बंगाल उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के क्लब में शामिल हो गया, जहां पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक हो गई हैं , क्योंकि दार्जिलिंग में अब पेट्रोल 100.08 रुपये प्रति लीटर और डीजल 93.16 रुपये पर बिक रहा है।
57 दिन में 32 बार बढ़े तेल के दाम
मंगलवार को पेट्रोल के रेट में 35 पैसे और डीजल के रेट में 28 पैसे की वृद्धि की गई। 4 मई के बाद 57 दिन में 32वां मौका है जब ईंधन के दाम बढ़ाए गए हैं। इस अवधि में पेट्रोल 8.41 रुपये लीटर महंगा हो चुका है जबकि, डीजल के दाम में 8.45 रुपये का उछाल आ चुका है। सोमवार को बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.96 फीसद गिरकर 74.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था। शुरुआती कारोबार में ब्रेंट मंगलवार को 0.51% गिरकर 74.30 डॉलर पर आ गया।
इन राज्यों में पेट्रोल 100 के पार: महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल।
इन शहरों में भी पेट्रोल ने लगाया शतक: मुंबई, रत्नागिरी, परभणी, औरंगाबाद, जैसलमेर, गंगानगर, बांसवाड़ा, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, गुंटूर, काकीनाडा, चिकमगलूर, शिवमोग्गा, हैदराबाद, लेह, इम्फाल, कालाहांडी, सोपोर, बारामूला, पटना, सेलम, तिरुवनंतपुरम, मोहाली और दार्जिलिंग।
क्यों नहीं थम रहे पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम
2020 में महामारी के कारण केंद्र और राज्य सरकारों का राजस्व प्रभावित हुआ तो वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा दिए। केंद्र सरकार ने अपने उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया और राज्यों ने भी ऐसा ही किया।
16 जून के डेटा के मुताबिक दिल्ली में टैक्स इस प्रकार हैं
पेट्रोल पर केंद्र सरकार का टैक्स 34.03%
पेट्रोल पर राज्य सरकार का टैक्स 23.08%,
डीजल पर केंद्र सरकार का टैक्स 36.38%
डीजल पर राज्य सरकार का टैक्स 14.63%.
कंपनियां कर रही घाटे की भरपाई
4 मई से अब तक इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के रेट हमेशा ऊपर की ओर ही भागे। 20 मई को ब्रेंट क्रूड का दाम गिरकर 65.11 डॉलर पर आ गया। यह 46 दिन का सबसे निचला स्तर था, लेकिन भारत में अगले ही दिन पेट्रोल 19 पैसा और डीजल 29 पैसा प्रति लीटर महंगा हो गया।
सरकारी तेल विपणन कंपनियों में काम करने वाले अधिकारियों के अनुसार, पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें अभी इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि कंपनियां अपने पिछले राजस्व घाटे की भरपाई कर रही हैं। बता दें 27 फरवरी से 66 दिनों के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम में ठहराव था। यह वह पीरियड है, जब चार राज्यों और एक संघ शाषित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। 66 दिनों के ठहराव के दौरान, राज्य द्वारा संचालित खुदरा विक्रेताओं ने भी चार छोटे चरणों में राजनीतिक रूप से संवेदनशील पेट्रोल और डीजल की दरों में क्रमशः 77 पैसे और 74 पैसे प्रति लीटर की कमी की थी।