लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) नेता चिराग पासवान के एनडीए के साथ संबंधों में तनाव के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को उनसे विपक्ष के साथ गठबंधन करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने पिता राम विलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ ‘अस्तित्व की लड़ाई में शामिल होकर ही आगे ले जा सकते हैं। चिराग पासवान एलजेपी की कमान के लिए अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ झगड़े को लेकर बीजेपी की चुप्पी पर निराशा जता चुके हैं। इस पर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद अपने पुराने सहयोगियों को छोड़ दिया।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ‘भाषा’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी हमेशा रामविलास पासवान के साथ खड़ी है और उन्होंने उस वक्त को याद किया जब एलजेपी के पास एक भी विधायक नहीं था और रामविलास पासवान 2009 में चुनाव हार गए थे तो लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें आरजेडी के कोटे से राज्यसभा भेजा था। उन्होंने पूछा कि क्या देश में किसी अन्य नेता या पार्टी के लिए कभी इतना कुछ किया या बलिदान दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘हमारी पार्टी ने दलित मसीहा राम विलास जी के बिहार को दिए योगदान को देखते हुए उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है, मुझे लगता है कि यह अपने आप में सब बयां करने वाला है। गौरतलब है कि चिराग पासवान ने भी अपने पिता और पार्टी संस्थापक राम विलास पासवान की जयंती पर पांच जुलाई से बिहार के हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने की भी घोषणा की है।
चिराग से एनडीए छोड़ने के पिछले हफ्ते किए अपने अनुरोध के बारे में पूछने पर तेजस्वी ने कहा कि देश ऐसे मोड़ पर है, जहां संविधान समर्थक, लोकतंत्र समर्थक, किसान समर्थक और जन समर्थक ताकतें एक तरफ हैं और इस विचारधारा के विरोधी दूसरी तरफ हैं। आरजेडी नेता ने कहा कि ‘दिवंगत राम विलास जी समाजवादी थे और उनका अपने पूरे जीवन में सामाजिक न्याय के विचार में गहरा विश्वास रहा। वह अपने राजनीतिक सफर के दौरान जाति वर्चस्ववाद, गरीबी और गैर बराबरी से लड़े। उन्हें असली श्रद्धांजलि उनके मूल्यों और विरासत को आगे ले जाकर ही होगी और यह तभी संभव है जब चिराग पासवान गोलवलकर के विचारों के खिलाफ अस्तित्व की इस लड़ाई में शामिल हो जाए।
‘चांद पर ले जाने का वादा कर झांसे में लेती है बीजेपी’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर इशारा करने वाली चिराग की इस टिप्पणी पर कि जब ‘हनुमान की हत्या की जा रही हो तो ‘राम के लिए चुप बैठना सही नहीं है, इस पर बिहार के पूर्व उपमख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी दलों और नेताओं को ”चांद पर ले जाने का वादा करके उन्हें ‘झांसे में लेती है लेकिन जब उनकी ‘व्यवस्था को लगता है कि अब वे उनके किसी काम के नहीं रहे तो वे उन्हें ऐसे निकालती है, जैसे कि दूध में से मक्खी निकाल कर फेंकी जाती है।
एलजेपी के चिराग और उनके चाचा पारस के धड़ों के बीच राजनीतिक लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने चिराग का साथ दिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्होंने इस विभाजन को अंजाम दिया, वे चिराग पासवान के प्रति प्रतिशोध की भावना से ग्रसित हैं, क्योंकि वह पिछले विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ लड़े थे। तेजस्वी ने कहा, राम विलास जी ने चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में संसदीय दल का नेता नियुक्त करके उन्हें अपना वारिस बनाया था और अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह अपने पिता की विरासत को कैसे आगे लेकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो उन पर अब सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया, जब उन्हें एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। तेजस्वी का इशारा पारस की ओर था।
‘उधार के जनादेश पर रहने का नीतीश कुमार का है इतिहास’
चिराग पासवान के एलजेपी में उथल-पुथल के लिए जेडीयू को जिम्मेदार ठहराने पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि चिराग ने अपने पत्रों से यह स्पष्ट किया है कि इसकी साजिश रची गयी और ”दोषियों को हर कोई जानता है। तेजस्वी ने ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, जिन्होंने 2005 और 2010 में पार्टी को तोड़ने का काम किया, उन्होंने ही यह योजना बनायी। नीतीश जी का उधार के जनादेश पर रहने का इतिहास रहा है और उन्होंने हमेशा उधार के खिलाड़ियों की मदद से अपना खेल खेला है। नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा और हर किसी को धोखा दिया है।