जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने जम्मू में इंडियन एयरफोर्स (IAF) स्टेशन में हुए धमाके को आतंकवादी हमला बताया है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि ड्रोन के जरिए IED धमाका किया गया है। दिलबाग सिंह ने कहा है कि ड्रोन को ही IED बम के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। घटनास्थल से इसके टुकड़े बरामद हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि आतंकवादियों ने भीड़ में धमाके की भी साजिश रची थी, जिसे नाकाम कर दिया गया है।
डीजीपी ने कहा है कि जम्मू पुलिस ने 5-6 किलो का एक IED बम बरामद किया है। यह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से बरामद हुआ है और किसी भीड़ वाले इलाके में इससे धमाके की योजना बनाई गई थी। इस बरामदगी से बड़े हमले की साजिश को नाकाम कर दिया गया है। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। दूसरी एजेंसियों के साथ पुलिस भी जांच में जुटी है। एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
एक टीवी न्यूज चैनल से डीजीपी के हवाले से कहा है कि हमले की साजिश सीमा पार (पाकिस्तान) से रची गई है और इसे अंजाम देने वाले सीमा के भीतर ही मौजूद हैं। पुलिस, आईएएफ और दूसरी एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। अभी तक दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाईअड्डे के एयरफोर्स टेक्निकल एरिया में रविवार तड़के विस्फोटक से लदे दो ड्रोन गिरे जिससे धमाका हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पहला विस्फोट तड़के एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ जिससे हवाई प्रतिष्ठान के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायुसेना उठाती है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। विस्फोट में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गए।
जम्मू हवाईअड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है। जांच में जुटे अधिकारी दोनों ड्रोन के हवाई मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने बताया कि उन्होंने वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से विस्फोटों के संबंध में बात की। भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया कि जम्मू वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के “कम तीव्रता वाले दो विस्फोट” होने की सूचना मिली। ट्वीट में कहा गया, ”इनमें से एक विस्फोट में एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा, जबकि दूसरा विस्फोट खुले क्षेत्र में हुआ। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। असैन्य एजेंसियों के साथ मिलकर जांच की जा रही है।” इसमें कहा गया कि एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि हवाई प्रतिष्ठान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई। वायुसेना, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों की जांच टीम भी हवाई प्रतिष्ठान पहुंच गई हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू हवाईअड्डा एक असैन्य हवाईअड्डा है और एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) भारतीय वायुसेना के अधीन है। जम्मू हवाईअड्डे के निदेशक प्रवत रंजन बेउरिया ने बताया कि विस्फोट के कारण उड़ानों के परिचालन में दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा, ”जम्मू से आने-जाने वाली उड़ानों का तय कार्यक्रम के मुताबिक परिचालन हो रहा है।”