केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले 7 महीनों से लगातार जारी है। किसानों ने कोरोना काल में जहां शाहजहापुर बॉर्डर पर अपना धरना जारी रखा वहीं वर्चुअल तरीके से भी प्रदर्शन किया गया। कोरोना के कम होते ही एक बार फिर से किसान कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को घेरने वाले है। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन सहित राजस्थान के विभिन्न किसान संगठन ‘खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ’ आंदोलन करेंगे।
इसके तहत प्रदेश के सभी किसान संगठनों के पदाधिकारी राजधानी स्थित शहीद स्मारक में 10 बजे एकत्रित होंगे ओर यहां से राजभवन की ओर कूच करेंगे। जहां राजभवन का घेराव किया जाएगा और फिर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रो. सी.बी.यादव ने बताया कि किसान अब एक ओर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून को लागू करवाने की मांग के साथ-साथ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई भी लड़ेगा।
जिस प्रकार से किसान आंदोलन का दमन किया जा रहा है वह लोकतंत्र की खुलेआम हत्या है। आपातकाल की वर्षगांठ पर शुरू किए गए इस ‘खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के पीछे मुख्य मकसद यही है। इस अभियान में किसानों के साथ साथ युवाओं की भी अग्रणी भूमिका रहेगी।
हालांकि, कोरोना महामारी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में किसानों व युवाओं को जयपुर आने से मना किया गया है तथा उन्हें अपने अपने स्थान पर ही विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है।भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील सहित कई किसान नेता शाहजहांपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।