राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के बीच पिछले काफी दिनों से सत्ता को लेकर सियासी घमासन थमने के बजाए आए दिन अलग-अलग मोड़ लेता जा रहा है। पहले पायलट गुट की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जबावी हमला बोला गया तो गहलोत गुट की ओर भी पलटवार किया गया। अब गहलोत गुट की ओर से निर्दलीय विधायकों ने मोर्चा संभाल लिया और उन्होंने पायलट पर हमला बोलने के साथ सत्ता में भागीदारी दिए जाने का विरोध शुरू कर दिया है।
इसी को लेकर निर्दलीय विधायकों की एक बैठक हुए। इस बैठक में गहलोत को समर्थन कर चुके 13 में से 12 विधायक शामिल हुए। एक विधायक बाबूलाल नागर जयपुर से बाहर होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उनका भी गहलोत को पूरा समर्थन है। निर्दलीय विधायकों ने बैठक के बाद एकस्वर में कहा कि हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं। मंत्रिमंडल का पुर्नगठन करना और मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।
सभी फैसलों के लिए गहलोत अधिकृत
निर्दलीय विधायकों ने आगे कहा कि सभी निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकृत है। गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि सरकार को अस्थिर करने का सवाल काल्पनिक है। कोई ऐसी कोशिश करेगा तो पहले की तरह मुहतोड़ जवाब देंगे। यह राजस्थान है एमपी-कर्नाटक नहीं. सरकार पर दबाव कौन बना रहा है यह सर्वविदित है। मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव बनान जनहित में नहीं है।
सचिन भाग्यशाली हैं जो राजेश पायलट के घर पैदा हुआ’
इस दौरान विधायक संयम लोढ़ा ने कहा, सचिन भाग्यशाली हैं जो राजेश पायलट जैसे नेता के घर पैदा हुए। कम उम्र में सांसद, मंत्री बनाए गए। लोकसभा का चुनाव हारे तो प्रदेश अध्यक्ष बन गए। विधानसभा का चुनाव जीते तो उपमुख्यमंत्री बन गए। मुख्यमंत्री का सवाल आया तो पहली बार उन्हें हार का अनुभव हुआ और अब दूसरी बार हुआ। पायलट को सीखते-सीखते समय लगेगा।
हम कांग्रेस कार्यक्रमों में झाड़ू लगाने वाले लोग हैं: लोढ़ा
लोढ़ा ने कहा हमारी निष्ठा पर सवाल उठाने वाले याद रखे कि हम कांग्रेस के कार्यक्रमों में झाडू लगाने और एनएसयूआई के पोस्टर चिपकाने वाले लोग है। संयम लोढ़ा ने आगे कहा कि मंत्री नहीं बनाने पर उनका गहलोत सरकार को समर्थन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर कूटनीतिक रूप से बैठक बुलाने पर लोढ़ा ने कहा कि गहलोत कूटनीति नहीं रचते।