दिल्ली हाईकोर्ट ने बाल यौन संरक्षण अपराध (पोक्सो) मामले में सजायाफ्ता एक दोषी को अपने बड़े भााई की शादी में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया है कि अपीलकर्ता को सादे कपड़े में जेल या पुलिस अधिकारी गुरुवार को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक अपने बड़े भाई के शादी समारोह में शामिल होने के लिए लेकर जाए।
दोषी की तरफ से पेश वकील ऐश्वर्या राव ने हाईकोर्ट को बताया कि यह अर्जी पहले ही दायर की गई थी लेकिन यह सुनवाई के लिए अब सूचीबद्ध हुई है जब अपीलकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के जेल संबंधी वकील के जरिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने दलील दी कि सजा के अंतरिम निलंबन के लिए जो आधार दिया गया है उसकी पूर्व पुष्टि की जा चुकी है और यह पुष्ट है कि अपीलकर्ता के बड़े भाई की शादी 24 जून को होनी है लेकिन होने वाली दुल्हन के परिवार से पुष्टि नहीं की जा सकी है। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि दोषी के पिता ने पुलिस अधिकारियों को दुल्हन के परिवार से पुष्टि कराने से यह कहते हुए रोक दिया कि अगर उनके परिवार को पता चला कि दोषी जेल में है तो वे शायद शादी न करे।
दलीलों पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने 23 जून के अपने आदेश में कहा कि शादी के 24 जून को होने पर विचार करते हुए राव ने कहा कि सजायाफ्ता कैदी को शादी में शामिल होने के लिए हिरासत में भेजा जा सकता है। इसके अनुसार यह निर्देश दिया जाता है कि जेल व सुरक्षाकर्मियों अधिकारी सादे कपड़ों में दोषी को 11 बजे से रात 11 बजे तक अपने बड़े भाई की शादी में शामिल होने के लिए लेकर जाए और उसी दिन उसे वापस जेल में लाया जाए।