बिहार में दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल में हुए धमाके की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने शुरू कर दी है। पिछले दो दिन से एटीएस की एक टीम शामली में डेरा डाले हुए है।
दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को एक पार्सल में धमाका हुआ। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। पार्सल में कुछ कपड़े थे और इनके बीच केमिकल की एक शीशी रखी हुई थी। सूत्रों ने बताया पार्सल भेजने वाले का नाम-पता आंध्रप्रदेश सिकंदराबाद निवासी सूफियान लिखा था। उसका मोबाइल नंबर जांच में उत्तर प्रदेश के शामली जिले का मिला है। इसी नंबर की जांच करने उप्र एटीएस की टीम सोमवार से शामली में डेरा डाले हुए है। एटीएस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने इस मोबाइल नंबर का आईडी प्रूफ निकलवाया है, जिस पर शामली का नाम-पता दर्ज है। हालांकि एटीएस अभी इस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है। मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) भी निकलवाई गई है। सीडीआर में कुछ विदेशी नंबर मिले हैं, जिन पर लगातार बातचीत हो रही थी। ऐसे में पार्सल से लेकर ब्लास्ट तक का मामला संदेह के घेरे में है। फिलहाल इस मामले में यूपी एटीएस की टीम गहनता से पड़ताल में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में अहम सुराग एटीएस को मिल सकते हैं।
स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी में भी शामली से हुए थे गिरफ्तार
मई-2019 में लखनऊ, गाजियाबाद और शामली के एसपी को ईमेल भेजकर दिल्ली-यूपी के सात रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी गई थी। यूपी एटीएस और शामली साइबर सेल ने दो आरोपियों शहजाद और गुलजार को शामली जिले से गिरफ्तार किया था। हालांकि दोनों आरोपियों का किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं पाया गया था।
सुकीर्ति माधव, एसपी शामली कहते हैं कि दरभंगा ब्लास्ट प्रकरण में अभी किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने हमसे बातचीत नहीं की है। हो सकता है कि एजेंसियां अपनी गोपनीय जांच कर रही हों। यदि एजेंसियां शामली से जुड़ा कोई भी इनपुट चाहती हैं तो उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा।