राजधानी दिल्ली में एक शख्स कर्ज और अपने बच्चे की बीमारी के इलाज के लिए अपनी किडनी बेचने को मजबूर है। इसे लेकर उसने कई अस्पतालों के बाहर दीवारों पर किडनी बिकाऊ के पोस्टर भी लगा रखे हैं।
दक्षिणी दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में रहने वाले 28 वर्षीय मिलन कैनी ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह मूलरूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बीते नौ महीने से किडनी बिकाऊ के पोस्टर लगा रखे हैं। इस बीच दो लोगों ने किडनी को लेकर संपर्क भी किया, लेकिन ब्लड ग्रुप मैच नहीं होने की वजह से किडनी नहीं दे पाया।
मिलन ने बताया कि वह जानते हैं कि ऐसे पोस्टर लगाकर किडनी बेचना कानूनी तौर पर जुर्म है, लेकिन कर्ज उतारने और बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। इस कारण किडनी बिकाऊ के पोस्टर लगाने को मजबूर हूं। मैं यहां पर एक निर्माण कंपनी में नौकरी करता हूं। लॉकडाउन के दौरान पांच-छह हजार रुपये का वेतन मिला। दिल्ली में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता हूं। दोनों बच्चों की पढ़ाई जारी है, लेकिन छोटे बेटे की काफी समय से तबीयत ठीक नहीं है। उसे इलाज के लिए कई अस्पतालों में दिखाया। डॉक्टरों ने उसे ब्लड कैंसर होने की आशंका जताई है। जिसके इलाज के लिए भी पैसे नहीं है।
17 लाख रुपये का कर्ज : बेटे की बीमारी के अलावा मेरे ऊपर करीब 17 लाख रुपये का कर्जा हो रखा है। गांव का घर और जमीन गिरवी है। माता-पिता किसी और के घर में रहने को मजबूर है।
‘माता-पिता को न हो दिक्कत’
मैं वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक कर सकता हूं, लेकिन इज्जत की खातिर ऐसा नहीं किया है, क्योंकि मेरी वजह से माता-पिता पहले ही काफी परेशान हैं।