देहरादून शहर के एक अस्पताल ने नाबालिग लड़की का बच्चा कागजों में किसी और का बता दिया। पुलिस ने मामले में अस्पताल, नाबालिग के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं बच्चे को अपना बताने वाले दंपति की भी जांच की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जिला बाल कल्याण समिति ने बताया कि एक नवजात शिशु की खरीद-फरोख्त का मामला जानकारी में आया है। इसकी जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से करवाई गई। पता लगा कि एक नाबालिग लड़की जो 17 साल की थी, उसके साथ किसी लड़के ने दुष्कर्म किया। लड़की गर्भवती हुई तो रिंग रोड स्थित रुद्राक्ष अस्पताल में उसकी डिलीवरी कराई गई। डिलीवरी में अस्पताल ने मिलीभगत करते हुए बच्चा उसके बजाय मसूरी क्षेत्र के एक दंपति का दर्शा दिया और बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए दस्तावेज भेज दिए। शुरुआती जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने पोक्सो और अन्य संबंधित धाराओं में बच्ची के पिता, अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस खरीद-फरोख्त के एंगल से भी कर रही है मामले की जांच
नवजात बच्चे को अपना बताने वाले दंपति के इरादे की जांच की जा रही है। इसमें खरीद-फरोख्त के एंगल पर भी पुलिस जांच कर रही है। मुकदमे में दीपक कुमार और अस्पताल की डॉ. मानवी को आरोपी बनाया गया है।