इजराइल की नई सरकार के मुखिया नफ्ताली बेनेट ने इसी साल अप्रैल में एक यहूदी धर्मस्थल में मची भगदड़ के मामले की जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने रविवार को स्वतंत्र राजकीय जांच आयोग के गठन को मंजूरी दी। इस दुर्घटना में 45 लोगों की मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि आयोग उन बड़ी सुरक्षा खामियों का पता लगाएगा, जिनकी वजह से माउंट मेरोन में लाग बाओमर उत्सव के दौरान भगदड़ मची। उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्ष वर्तमान या पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश होंगे और उसके अन्य सदस्यों का चयन देश के उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश करेंगे।
उत्तरी इजराइल में करीब 1,00,000 लोग 29 अप्रैल को एक उत्सव के दौरान इकट्ठा हुए थे, जबकि कोरोना वायरस पाबंदियों के तहत खुले में 500 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक थी। इसके साथ ही ऐसी भीड़भाड़ को लेकर पहले से चेतावनी जारी की गई थी। राज्य नियंत्रक कार्यालय ने 2008 और 2011 में रिपोर्ट जारी करके चेतावनी दी थी कि माउंट मेरोन की दशा खतरनाक है। उत्सव के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग संकरे रास्ते से इस पहाड़ पर स्थित धर्मस्थल पर जा रहे थे। फिसलन भरी ढलान पर भगदड़ मच गयी और इस हादसे में 45 लोगों की जान चली गई थी, जबकि कम से कम 150 अन्य लोग घायल हो गए।पुलिस ने इस घटना की जांच की, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सरकार ने कहा कि आयोग उन अधिकारियों की जांच करेगा, जिनके निर्णय से इस आयोजन को अनुमति मिली। बता दें कि इजरायल में 14 जून को ही नई सरकार का गठन हुआ है। 8 दलों के गठबंधन में आने के चलते बेंजामिन नेतन्याहू के पास बहुमत नहीं रह गया था और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा है। इसके बाद सदन में बहुमत साबित करने के बाद 8 दलों की साझा सरकार बनी है। इसके पीएम के तौर पर नफ्ताली बेनेट ने कमान संभाली थी। इसके साथ ही बेंजामिन नेतन्याहू का पीएम के तौर पर 12 सालों का कार्यकाल समाप्त हो गया।