राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में रविवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 2.1 मापी की गई। भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
दिल्ली में आए हल्के भूकंप के झटकों से आज एक बार फिर धरती हिल गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, दोपहर 12:02 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.1 रही। भूकंप के चलते पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा और लोग डर के कारण घरों से निकल आए। अब तक इस भूकंप के झटके से किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
अगर भूकंप के दौरान आप मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। इसके बाद खुले मैदान की ओर भागें। भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं होती। भूकंप आने की स्थिति में किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित होता है।
भूकंप के दौरान घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें। इसके अलावा घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।
क्यों आता है भूकंप
गौरतलब है कि जब पृथ्वी की सतह के नीचे ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है।
भारत में दो भूकंप जोन हैं। इस वजह से हिमालय क्षेत्र में भूकंप आता है। भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है। पांचवां जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है। पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं।