ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक और कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहीम रईसी ने शनिवार को बड़े अंतर से जीत हासिल की। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में देश के इतिहास में इस बार सबसे कम मतदान हुआ। रईसी अगस्त महीने में हसन रूहानी की जगह लेंगे। शुरुआती नतीजों के मुताबिक, रईसी ने एक करोड़ 78 लाख मत हासिल किए। चुनावी दौड़ में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती बहुत पीछे रहे गए। बहरहाल, खामेनेई ने रईसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद न्यायपालिका प्रमुख ने यह बड़ी जीत हासिल की।
सन् 1960 में ईरान के मशहद में जन्में रईसी बहुत कम उम्र से ही न्याय व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं। 1979 में इस्लामिक क्रांति का हिस्सा रहे रईसी को उस वक्त तेहरान के पड़ोसी राज्य कराज का प्रॉसिक्यूटर जनरल बनाया गया था।
उदारवादी उम्मीदवार एवं ‘सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख हेम्माती और पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने रायसी को बधाई दी। सरकार से संबद्ध ओपिनियन पोल और विश्लेषकों ने रायसी को पद के लिये दावेदारी जता रहे चार उम्मीदवारों में से सबसे प्रबल करार दिया है। रायसी की जीत की आधिकारिक घोषणा के बाद वह पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। उनपर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था।
चुनाव में किसी उम्मीदवार का शुरुआत में ही हार स्वीकार कर लेना ईरान के चुनावों में कोई नई बात नहीं है। यह बात का संकेत देता है कि सावधानी से नियंत्रित किए गए इस मतदान में रायसी ने जीत हासिल की है। कुछ लोगों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले काफी नीचे लग रहा है। हेम्माती ने शनिवार तड़के इंस्टाग्राम के माध्यम से रायसी को बधाई दी और लिखा, ”मुझे आशा है कि आपका प्रशासन ईरान के इस्लामी गणराज्य को गर्व करने का कारण प्रदान करेगा, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा।
रेजाई ने मतदान में हिस्सा लेने के लिए खामेनेई और ईरानी लोगों की ट्वीट करके प्रशंसा की। रेजाई ने लिखा, ”मेरे आदरणीय भाई आयतुल्ला डॉ. सैयद इब्राहीम रायसी का निर्णायक चयन देश की समस्याओं को हल करने के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार की स्थापना का वादा करता है। रायसी की जीत से ईरान सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी और यह ऐसे समय में होगा, जब ईरान के पटरी से उतर चुके परमाणु करार को बचाने की कोशिश के तहत विश्व शक्तियों के साथ वियना में वार्ता जारी है। ईरान फिलहाल यूरेनियम का बड़े स्तर पर संवर्धन कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका और इजराइल के साथ उसका तनाव काफी बढ़ा हुआ है। माना जाता है कि इन दोनों देशों ने ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किये और दशकों पहले उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बनाने वाले वैज्ञानिक की हत्या करवाई।