उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बैठकों का दौर शुरू होने के बाद अब बीजेपी ने हिमाचल पर भी फोकस बढ़ाया है। इस पहाड़ी राज्य में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले पार्टी सरकार और संगठन के सभी पेच कस लेना चाहती हैं। यही वजह है कि पार्टी ने अपने सभी विधायकों से सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट मंगाई है। पार्टी के अब तक के शासनकाल के दौरान क्षेत्र में उनका काम कैसा रहा है। इस संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है। विधायकों के अलावा चुनाव में हार गए प्रत्याशियों से भी रिपोर्ट तलब की गई है और पूछा गया है कि इस दौरान आपने अपने इलाके में कितने और कैसे काम किए। हिमाचल प्रदेश में अगले साल के अंत तक चुनवा होने हैं।
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिहाज से भी यह रिपोर्ट्स अहम रहेंगी। फिलहाल पार्टी मंडी लोकसभा और जुब्बल-कोटखाई एवं फतेहपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी में जुटी है। मंगलवार को बीजेपी के कोर ग्रुप की मीटिंग हुई थी और इस दौरान उपचुनाव एवं अगले साल होने वाले चुनाव में ‘मिशन रिपीट’ को लेकर चर्चा की गई। पार्टी की ओर से तीन दिनों के लिए मीटिंग बुलाई गई है, जो 17 जून तक चलेगी। इस मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पार्टी के प्रभारी अविनाश राय खन्ना और सह प्रभारी संजय टंडन भी शामिल हैं।
मीटिंग में नहीं रहेंगे पूर्व सीएम शांता कुमार, बोर्ड अध्यक्षों से भी मांगी गई रिपोर्ट
इसके अलावा प्रदेश सरकार की कैबिनेट कई मंत्री और प्रदेश के सीनियर नेता भी शामिल हैं। पूर्व सीएम शांता कुमार निजी कारणों से मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, जबकि बीजेपी के राष्ट्रीय सौदान सिंह बुधवार को शामिल रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान विधायकों की रिपोर्ट को लेकर गंभीर है। इसके जरिए वह यह जानना चाहता है कि आखिर कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों ने जनता के बीच जाकर कितने काम किए। विधायकों के अलावा तमाम बोर्ड्स के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को भी परफॉर्मेंस रिपोर्ट देने को कहा गया है।
सोलन और पालमपुर में हार के कारणों पर भी होगी चर्चा
इस मीटिंग के दौरान जयराम ठाकुर सरकार के कामकाज पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा हाल ही में पालमपुर और सोलन के नगर निकाय चुनावों में पराजय के कारणों पर भी चर्चा होगी। मीटिंग में बूथ लेवल तक जाकर लोगों से संपर्क साधने और सरकार की नीतियों के बारे में बताने की रणनीति पर जोर दिया जाएगा। मीटिंग में 2017 में बीजेपी की ओर उम्मीदवार रहे सभी लोगों को बुलाया गया है। इसके अलावा पार्टी के मोर्चों के सभी संयोजकों को भी बैठक में शामिल किया गया है।