परिवहन विभाग में पंजीकृत 16 हजार से अधिक वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं हुई है। परिवहन अधिकारी के अनुसार वाहन मालिकों के पास में 30 जून तक का समय है। इसके बाद भी यदि जांच नहीं कराते हैं तो चालान की कार्रवाई होगी। सरकार ने लोगों को राहत देते हुए लॉकडाउन में खत्म हुए वाहन संबंधी सभी दस्तावेजों की वैधता बढ़ा दी थी।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 16950 वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं हुई है। इनमें दो पहिया और चार पहिया, दोनों तरह के वाहन शामिल हैं। एआरटीओ प्रशासन एके पांडे ने बताया कि कोरोना काल के कारण एक फरवरी 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, प्रदूषण जांच समेत वाहन से संबंधित सभी दस्तावेजों की वैधता को सरकार ने बढ़ाकर पहले 31 मार्च और इसके बाद 30 जून तक दिया था। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से यदि दस्तावेजों का नवीनीकरण और प्रदूषण जांच नहीं होगी तो चालान की कार्रवाई होगी। जिले में 7.55 लाख वाहन पंजीकृत हैं
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में 7.55 लाख वाहन पंजीकृत हैं। इसमें निजी और व्यवसायिक, दोनों तरह के वाहन शामिल हैं। जिले में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या करीब 80 है।
वाहनों का प्रदूषण जांच कराना महंगा
एक जनवरी से वाहनों की प्रदूषण जांच कराना महंगा हो गया है। दोपहिया वाहन का प्रदूषण जांच शुल्क 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। वहीं चार पहिया वाहन का प्रदूषण जांच शुल्क 50 रुपये से बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया गया है। भारी वाहनों का प्रदूषण जांच शुल्क बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है। प्रमाण पत्र पर शुल्क लिखना, मुहर और हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर जांच शुल्क की सूची जीएसटी समेत लिखकर चस्पा करना अनिवार्य है। परिवहन विभाग के मुताबिक यदि जांच शुल्क की सूची चस्पा नहीं होगी तो प्रदूषण जांच केंद्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समस्या से बचने के लिए लोग दस्तावेजों का नवीनीकरण करा लें
वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता तारीख 30 जून तक है। इसके बाद संभव है कि वैधता तारीख सरकार की ओर से न बढ़ाई जाए। अंतिम तारीख निकट आने पर जांच के लिए परिवहन विभाग और प्रदूषण जांच केंद्रों पर बड़ी संख्या में वाहन पहुंचेंगे। लोगों को लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है। इस समस्या से बचने के लिए लोग दस्तावेजों का नवीनीकरण करा लें।