नेपाल के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने चिता बढ़ा दी है। सिंधुपालचौक में पिछले 48 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। यह जगह काठमांडु से करीब 65 किलोमीटर दूर है। ‘PTI’ के मुताबिक लगातार हो रही बारिश की वजह से यहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50 लोग लापता हैं। मंगलवार की रात मृतकों की डेड बॉडी भी बरामद कर ली गई है। लापता लोगों के बारे में बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादा मेलमाछी ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट के मजदूर थे। फेसबुक पर नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री शेर बहादुर तमांग ने लिखा है कि ’50 से ज्यादा लोग मेलमाछी और इंद्रावती नदी में आई बाढ़ के बीच लापता हो गये हैं। इस बाढ़ से पुल को भी नुकसान पहुंचा है।’ बताया जा रहा है कि मेलमाछी इलाके में बनी करीब 300 झोपड़ियां इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई हैं। लमजुंग जिले में 15 घर तहस-नहस हो गये हैं। इसके अलावा लोलाइंग इलाके में 200 घरों पर बाढ़ का खतरा मंडर रहा है।
बता दें कि नेपाल में लगातार हो रही बारिश से यहां कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से नेपाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ के पुलों, बिजली और संचार के अन्य बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है। नेपाल में रही बारिश का असर कुछ भारतीय क्षेत्रों में भी दिख रहा है। नेपाल में लागातर पानी बरसने से बिहार की गंडक नदी में पानी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है।
भारत-नेपाल सीमा सोनौली से सटे नेपाल लुम्बिनी प्रदेश के ज्यादातर जिले लगातार बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। राज्य में अधिकांश सड़कें भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं और कुछ स्थानों पर लोगों के हताहत होने की भी खबर है। पहाड़ियों में भूस्खलन से तराई जिलों में तबाही मची है। सोनौली बुटवल-नारायणगढ़ खंड पर देवदहा के पास डायवर्जन के कारण मंगलवार से अवरुद्ध ईस्ट-वेस्ट हाईवे को बुधवार को दोबारा नहीं खोला जा सका है। जिस कारण काठमांडू जाने वाली गाड़ियां रास्ते में रुकी हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हफ्ते की शुरुआत में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के नेपाल पहुंचने के बाद से हिमालयी राज्य के कई हिस्सों में अधिक बारिश देखी गई है। मकवानपुर और डोल्पो में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सोमवार और मंगलवार को लगातार हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ भी आ गई है। इस साल सबसे अधिक बारिश स्यांगजा में दर्ज की गई है। 200 मॉनिटिरिंग स्टेशनों में से 30 स्टेशनों पर 100 मिमि से अधिक वर्षा हुई। यह सभी स्टेशन सेंट्रल नेपाल के हैं।