हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के इंतजामों के बारे में पूछा है। कहा, इससे निपटने के लिए सरकार ने क्या रोडमैप तैयार किया है? कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 23 जून को होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। राज्य आंदोलनकारी एवं आम आदमी पार्टी नेता रवींद्र जुगरान की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता जुगरान की ओर से यह भी कहा कि प्रदेश में बुनियादी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का ढांचा बेहद कमजोर है। पहाड़ों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं ना के बराबर हैं। प्रदेश में न तो विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद हैं और न ही पर्याप्त अस्पताल एवं उपकरण मौजूद हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से राज्य में लगभग 38 लाख बच्चे मौजूद हैं। सरकार को कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए अभी से तैयार रहने के निर्देश दिए जाएं। जिससे कोरोना की संभावित तीसरी लहर में कम से कम बच्चे प्रभावित हों।