इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू की 12 सालों की सत्ता को खत्म करते हुए नफ्ताली बेनेट देश के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के 49 वर्षीय बेनेट की नई सरकार में 27 मंत्री हैं। हालांकि, बेनेट खुद भी पीएम बनने से पहले बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगी रह चुके हैं। वह इजरायल के रक्षा, शिक्षा मंत्री रहने के साथ ही साल 2006 से 2008 के बीच चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं। हालांकि, उन्होंने नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को छोड़ दक्षिणपंथी धार्मिक ज्यूइश होम पार्टी का दामन थाम लिया था और साल 2013 में वह पहली बार संसद पहुंचे थे। साल 2019 तक उन्होंने गठबंधन सरकारों में कई मंत्रालय संभाले। हालांकि, 2020 में वह यामिना पार्टी के मुखिया के तौर पर फिर से संसद पहुंचे।
मिलिट्री कमांडो यूनिट में सेवाएं दे चुके बेनेट का जन्म इजरायल के हाइफा में हुआ था। साल 2013 में ही अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी और उसके बाद वह इजरायली राजनीति में घुसे। राजनीति में आने से पहले बेनेट एक टेक कंपनी चलाते थे। यह स्टार्टअप उन्होंने सन् 1999 में शुरू किया था, जिसका नाम Cyota था। हालांकि, साल 2005 में बेनेट ने अपनी इस कंपनी को अमेरिकी सिक्योरिटी फर्म RSA को 14.5 करोड़ डॉलर में बेच दिया था। बेनेट ने यरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की हुई है।
इजरायल में कैसे चर्चित बने नफ्ताली बेनेट?
बेनेट इजरायल की कट्टर धार्मिक यामिना पार्टी के मुखिया हैं। सन् 1967 की जंग में इजरायल की ओर से कब्जाए गए वेस्ट बैंक इलाके के विलय के वह पक्षधर रहे हैं। यहां तक कि उनके सुझाव पर ही नेतन्याहू ने इस प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इसके अलावा ईरान को लेकर भी बेनेट अपने कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं। नए बने गठबंधन में विचारधारा के स्तर पर तमाम मतभेद हैं। इसके बाद भी सभी दलों ने विवादित मुद्दों को छोड़कर कॉमन इशूज पर फोकस करने का फैसला लिया है। कोरोना वायरस संकट के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर सभी दलों का फोकस है।
ईरान और फलस्तीन पर हैं बेहद सख्त तेवर
गे राइट्स जैसे कई मसलों पर उनकी राय काफी उदार है। लेकिन ईरान और फलस्तीन जैसे मुद्दों पर वह नेतन्याहू से भी काफी मुखर हैं। वह कहते रहे हैं कि फलस्तीनी अथॉरिटी दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है। इसके अलावा ईरान के भी वह कटु आलोचक रहे हैं। सत्ता संभालते ही उन्होंने कहा कि ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते को बहाल करना बड़ी भूल होगी। संसद में दिए भाषण में बेनेट ने कहा कि इजराइल, ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार है।