उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में दो समूहों के बीच हुई मारपीट में पांच लोग घायल हो गए। हालांकि, पुलिस ने इस घटना के साम्प्रदायिक पहलू से इनकार करते हुए दोनों समूहों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार रात की है जब भजनपुरा इलाके में एक सोसाइटी में प्रवेश के लिए गेट खोलने को लेकर विपिन नाम के एक व्यक्ति की सुरक्षा गार्ड से बहस हो गई। यह मामला उस समय और बढ़ गया जब गेट के नजदीक रहने वाला मोहम्मद यासीन (38) अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ घर के बाहर निकला और विपिन की पिटाई कर दी।गई। यह मामला उस समय और बढ़ गया जब गेट के नजदीक रहने वाला मोहम्मद यासीन (38) अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ घर के बाहर निकला और विपिन की पिटाई कर दी।
एनसीआर से और
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद भजनपुरा इलाके में ही रहने वाला विपिन अपने कुछ संबंधियों को लेकर पहुंच गया और दोनों समूहों के बीच मारपीट होने लगी, जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं। विपिन दिल्ली परिवहन निगम में अनुबंधित कर्मचारी के रूप में काम करता है।
पुलिस ने इस घटना के पीछे साम्प्रदायिक विवाद की बात से इनकार किया है। पुलिस के मुताबिक, किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए इलाके की भाईचारा समिति के वरिष्ठ सदस्यों की एक बैठक भी हुई है।
सीएए के खिलाफ पिछले साल हुए थे साम्प्रदायिक दंगे
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच पिछले साल हुई हिंसा के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।