हरियाणा पुलिस ने बिटकॉइन लेनदेन से जुड़े ऑनलाइन कारोबार के नाम पर लोगों को कथित तौर पर ठगने के आरोप में मुख्य षड्यंत्रकर्ता समेत चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने गुरुवार को बताया कि मास्टरमाइंड- हरिंदर चहल उर्फ सोनू चहल ने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाकर उन्हें धोखा दिया कि उनके पास बिटकॉइन हैं, जबकि पर्स में नकली बिटकॉइन थे।
डीजीपी ने बताया कि चहल और उनके सहयोगियों ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में से एक, बिनेंस के नाम का इस्तेमाल किया और उन्होंने बिटकॉइन व्यवसाय के लिए ऑनलाइन पैसा निवेश करने पर उन्हें भारी कमाई करवाने के बहाने से लोगों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि मामला हाल ही में तब सामने आया जब सोनीपत के सेक्टर-23 निवासी प्रवेश कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि हिसार जिले के माधा गांव निवासी चहल ने उसके साथ धोखाधड़ी की है।
डीजीपी ने कहा कि एक आधिकारिक बयान के अनुसार, साइबर पुलिस थाना, पंचकूला में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों के साथ मिलकर जांच शुरू की और पता चला कि बिटकॉइन में निवेश करने के लालच में कई लोगों को फंसाया गया था और इस काम में कई लोग शामिल थे।
मनोज यादव ने बताया कि जारी जांच में, उसके मास्टरमाइंड के साथ चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। डीजीपी ने बताया कि चहल ने विकास कुमार नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का वॉलेट एड्रेस दिखाने का दावा किया।