स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को मनरेगा में महिला मेट बनाकर रोजगार से जोड़ने के लिए उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने 15 हजार महिलाओं की सूची तैयार की है। यह सूची ग्राम्य विकास विभाग के मनरेगा सेल के माध्यम से प्रधानों को भेजी गई है। बहुत जल्द सूची में शामिल समूह की महिलाएं गांवों में मनरेगा के तहत होने वाले कामों में मेट की भूमिका निभाती नजर आएंगी।
पंचायतों में श्रम और रोजगार पंजिका पर फैसला जल्द
ग्राम्य विकास विभाग ग्रामीण रोजगार के लिए मनरेगा के माध्यम से 50 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार देने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए हर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत श्रम एवं रोजगार पंजिका बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इस आशय का प्रस्ताव बहुत जल्द सरकार से स्वीकृत कराने की तैयारी है। पंजिका तैयार हो जाने पर हर ग्राम पंचायत में मनरेगा के कामों में 100 से 200 लोग प्रतिदिन लगाए जाएंगे। पंजिका में सूचीबद्ध मजदूरों को श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
महिला मेट को मनरेगा से मिलेगा मिलेगा अर्द्धकुशल मजदूरी
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया है कि उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से मनरेगा के तहत मेट के लिए 15 हजार महिलाओं के नामों की सूची मिली है। इस सूची को नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को भेजा गया है ताकि जल्द से जल्द समूहों से जुड़ी इन महिलाओं को मेट के रूप में तैनात किया जा सके। महिला मेट को अर्द्धकुशल मजदूर की मजदूरी दी जाएगी। लोक निर्माण विभाग के 18 जोन में तय अर्द्धकुशल मजदूर की मजदूरी देने का प्राविधान किया गया है। पीडब्ल्यूडी द्वारा अर्द्धकुशल मजदूरी का रेट पश्चिमी उत्तर में सबसे अधिक है। 30 से 50 मजदूरों पर एक महिला मेट की तैनाती की जाएगी। महिला मेट बनने वाली महिलाओं को न्यूनतम तीन साल तक नियमित मेट की भूमिका में रखे जाने का खाका खींचा गया है। गांव में मनरेगा के तहत स्वीकृत अधिकांश कामों में महिला मेट को जोड़ा जाएगा।