राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी से हाईकोर्ट के एक वकील की पत्नी को कार से अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। दो दिन बाद अपहरणकर्ताओं और वकील के बीच 25 लाख रुपये में बात तय हुई। इस बीच ही वकील की सूचना पर एसटीएफ और कमिश्नरेट पुलिस ने सर्विलांस की मदद से अपहरणकर्ताओं के मददगार को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर पीड़िता को सकुशल बरामद कर लिया। पांच लोगों ने एक पुरानी कार से वकील की पत्नी को अगवा किया था और उसे गिरफ्तार संतोष चौबे के मोहनलालगंज के हरवंशगढ़ी स्थित घर में बंधक बनाकर रखा था। एसटीएफ और पुलिस अफसरों ने पीड़िता से काफी देर तक पूछताछ कर कई जानकारियां ली।
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने अपहरण की जानकारी मिलते ही अपनी टीमें लगा दी थी। अफसरों के मुताबिक सुशांत गोल्फ सिटी में रहने वाले वकील ने छह जून को एफआईआर दर्ज करायी कि उनकी पत्नी शाम करीब साढ़े सात बजे घर के बाहर टहल रही थी। इस बीच ही कार से पांच लोग आये और उनकी पत्नी को जबरदस्ती कार में बैठा ले गये। कुछ लोगों से इसकी सूचना मिली थी। उसी दिन रात में एक फोन आया और उसने पत्नी को छोड़ने के बदले एक करोड़ रुपये देने को कहा।
बात 25 लाख में टिकी
अफसरों ने वकील से अपहरणकर्ताओं से बात करते रहने को कहा। इस बीच कई नम्बरों से कॉल की गई और वकील ने एक करोड़ रुपये देने में असमर्थता जतायी। इसके बाद फिरौती की रकम 25 लाख रुपये तय की गई। इस पर अपहरणकर्ताओं ने रुपये देने के लिये दो अलग-अलग जगह बतायी। इस दौरान ही पुलिस सर्विलांस की मदद से लोकेशन पता करती रही। पर, हर बार लोकेशन अलग निकलती। कई कॉल के बाद फिरौती की रकम आठ जून की रात देने का समय तय किया गया। इस बीच ही एसटीएफ और पुलिस की टीम मोहनलालगंज के उस घर तक पहुंच गई जहां वकील की पत्नी को रखा गया था। पुलिस ने मौके से संतोष चौबे को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथी फरार हो गये थे।
पीड़िता की जुबानी, 10 लोग थे
पीड़िता ने अफसरों को बताया कि अपहरण करने वाले पांच लोग थे। लेकिन उसे आंख पर पटटी बांध कर जहां ले जाया गया था, वहां पांच और लोग थे। इन सबने उसके साथ कोई दुर्व्यहार नहीं किया बस यही कहते रहे कि पति से कह दो कि रुपये लेकर आ जाये, वरना ठीक नहीं होगा। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि अन्य आरोपियों के बारे में पता चल गया है। संतोष का सिर्फ घर इस्तेमाल किया गया था और संतोष को उसकी निगरानी करने को कहा गया था।
एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहा था आरोपी
एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि संतोष चौबे सब इंस्पेक्टर की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। अपहरणकर्ता उसके परिचित है और उन लोगों ने उसे रुपये देने का लालच दिया था। इसका कोई अपराधिक इतिहास नहीं मिला है।