डॉक्टरों और एलोपैथी के खिलाफ बयानबाजी को लेकर घिरे बाबा रामदेव को सोमवार देर हरियाणा के भिवानी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों व विभिन्न जनवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने काले झंडे दिखाए गए।
बाबा रामदेव सोमवार देर शाम भिवानी में महम रोड पर किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इसका पता लगते ही लोग वहां इकट्ठे हो गए। इनमें आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉक्टर करण पूनिया व उनके साथी, किसान सभा, अध्यापक संघ व जनवादी महिला समिति आदि से जुड़े कार्यकर्ता करतार ग्रेवाल, ओमप्रकाश, वजीर सिंह और संतोष देरावाल आदि शामिल थे। इस अवसर पर रामदेव के खिलाफ नारेबाजी की गई और उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई। डॉक्टरों का कहना है कि रामदेव के बयान से उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल कम हुआ है जो (कोविड-19) महामारी से हर दिन लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि वह बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगें अन्यथा महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि बीते दिनों वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में रामदेव को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए देखा और यह कहते हुए सुना गया था कि “लाखों लोग COVID-19 के इलाज के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से मर चुके हैं”।
इस टिप्पणी का देशभर में जोरदार विरोध हुआ था, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी पत्र लिखकर स्वामी रामदेव के बयान को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए उनसे यह बयान वापस लेने को कहा था।
इसके एक दिन बाद, योग गुरु ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक “खुले पत्र” में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से 25 प्रश्न पूछे थे, जिसमें पूछा गया था कि क्या एलोपैथी ने बीमारियों से स्थायी इलाज दिया है।