पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान को समझने और कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान द्वारा बनाई गई तीन सदस्य कमेटी आज यानी बुधवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सोंपेगी। माना जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को कई सुझाव दिए हैं, जिसमें राज्य में नई पीसीसी गठन का सुझाव भी शामिल है। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट कैप्टन के पक्ष में है।
कलह को दूर करने को लेकर बीते दिनों जो बैठक हुई थी, उसमें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एक बार फिर पंजाब की सियासत के कैप्टन साबित हुए हैं। समिति में मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल शामिल हैं। बैठकों की कवायदों से जो बातें सामने आई थीं, उसके हिसाब से टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज रहे नवजोत सिंह सिद्धू की तमाम कोशिशों के बावजूद कैप्टन उन्हें फिलहाल स्ट्राइक देने के मूड में नहीं है। चुनाव के मद्देनजर कैप्टन उन्हें टीम में शामिल करने के लिए तैयार हैं। पर बल्लेबाजी कर ज्यादा रन बनाने का मौका नहीं देना चाहते।
कई दिन तक चली मशक्कत के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति आज अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप देगी। समिति के एक सदस्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ विधायकों और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में कोई नाराजगी नहीं है। कुछ विधायकों ने उनके कम मिलने की शिकायत जरूर की है। कैप्टन ने खड़गे समिति के सामने जिस मजबूती के साथ अपनी बात रखी है, उसे पार्टी संकेत के तौर पर मान रही है। मुख्यमंत्री ने जहां किसी दूसरे सिख नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से साफ इनकार किया। वहीं, अकेले सिद्धू को भी उप मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार नहीं है। समिति के सदस्य ने कहा कि कैप्टन ने कहा कि वह खुद सिद्धू को कैबिनेट में शामिल होने का न्यौता दे चुके हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सिद्धू और दूसरे नेताओं की बगावत के बावजूद सिर्फ कैप्टन ही पार्टी को जीत की दहलीज तक पहुंचा सकते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री का असर पंजाब के हर क्षेत्र में हैं। जबकि सिद्धू अमृतसर तक सीमित है। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज होने और बोलने के एक खास अंदाज की वजह से लोग उन्हें सुनने आते हैं।