आनंद विहार से मुजफ्फरपुर जा रही डाउन सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से सोमवार की सुबह मां मां गिरिजा देवी व दो बेटियों वीणा कुमारी और रूपा कुमारी की मौत हो गई है। मां की उम्र लगभग 40 वर्ष एवं दोनों बेटियों की उम्र 20 वर्ष के करीब आंकी जा रही है। घटना नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड के कुमारबाग व चनपटिया स्टेशन के बीच महना रेलवे ढाला के समीप की है। तीनों की पहचान सिरिसिया ओपी के पठखौली के बली महतो की थी पत्नी व बेटियों के रूप में की गई है।
चनपटिया थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि मृतक के परिजन डर के मारे डेड बॉडी क्लेम करने नहीं आ रहे हैं। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम कर लिया है। खबर लिखे जाने तक शव ओपी में नहीं पहुंचा था। इधर, तीन-तीन मौत से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बली महतो भी घर छोड़कर फरार बताया जा रहा है। गांव के लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।गेटमैन नितेश कुमार के अनुसार उन्हें सूचना मिली कि सप्तक्रांति एक्स. आ रही है। वे ढाला बंद कर हरी झंडी लेकर ट्रेन के ड्राइवर को दिखाने के लिए निकले। सप्तक्रांति के आते ही एक महिला रेल ट्रैक पर आ गई। दोनों युवतियां उसे ट्रैक से हटाने की कोशिश करने लगी। इस दौरान वहां से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने भी ट्रैक से हटने के लिए शोर मचाया। दोनों युवती मिलकर भी महिला को नहीं हटा पा रही थी। तभी तेज रफ्तार सप्तक्रांति ट्रेन से महिला कट गई। दोनों युवती ट्रेन से टकरा कर दूर जा गिरी। घटनास्थल पर ही तीनों की मौत हो गई।
घटना के बाद चनपटिया रेलवे स्टेशन पर अन्य ट्रेनें रुकी रहीं। रेलकर्मियों ने ट्रैक से शव को अलग हटाया तब ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सका। वहां मौजूद लोगों का मानना है कि युवतियां व महिला एक ही परिवार की हो सकती है। कुछ लोगों का कहना था कि तीनों मां-बेटी भी हो सकती है। घरेलू कलह या कर्ज आदि के कारण महिला आत्महत्या करने के उद्देश्य से रेलवे लाइन पर पहुंची थी। उसे बचाने का प्रयास दोनों युवती कर रही थी। आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अशोक यादव ने बताया कि देर शाम में मृतकों की पहचान हुई है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
बेटियों ने मां को बचाने में दे दी जान
चनपटिया व कुमारबाग के बीच सप्तक्रांति एक्सप्रेस से कटकर दो बेटी वीणा कुमारी, रूपा कुमारीव मां गिरिजा देवी की मौत ने लोगों को झकझोर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मां आत्महत्या के उद्देश्य से ही रेलवे लाइन पर आई थी। दोनों बेटियां उसे वापस ले जाने का प्रयास कर रही थी। लेकिन मां मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसी दौरान सप्तक्रांति एक्सप्रेस तीनों की मौत बनकर तेज रफ्तार से उनकी ओर बढ़ रही थी। मां ने बेटियों से हाथ छुड़ाया और रेल लाइन पर दौड़ पड़ी। बेटियां भी मां को बचाने के लिए लाइन पर आई गई। लेकिन जब तक वे कुछ कर पाती ट्रेन ने तीनों को रौंद दिया। मां को बचाने में दोनों बेटियों ने भी जान दे दी। सिरिसिया ओपी प्रभारी प्रणय कुमार ने बताया कि शव ले जाने के लिए अधिकारियों के माध्यम से सूचना भेजवा दी गई है। घर पर बुढ़ी महिला को छोड़कर कोई और नहीं है है। जानकारी मिल रही है महिला के पति बली महतो घर छोड़कर कहीं चले गये हैं। पुलिस मामले में कार्रवाई कर रहीहै।