पुलिस ने साइबर ठग गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने तीन दिन में 44 लोगों के खातों से 30 लाख से अधिक रुपए उड़ाए थे। जबकि 230 खातों से तीन करोड़ रुपए और उड़ाने की तैयारी थी। लेकिन इसके पहले ही ये धर लिए गए। ये आधार कार्ड एवं अंगूठा का क्लोन बनाकर उसके माध्यम से ठगी करते थे। ये करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला सहित पांच आरोपी शामिल हैं। सप्ताहभर में खातों से करोड़ों की धोखाधड़ी के कारण जिले में हाहाकार मचा हुआ था। इसके बाद एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीआईए व साइबर सेल की टीम गठित की। उसने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को दबोच लिया।
एसपी दीपक गहलावत के अनुसार ठगी के दर्ज मुकदमों में एक शिकायतकर्ता अतवा गांव निवासी टेकचंद के केनरा व पंजाब नेशनल बैंक से आधार कार्ड व अंगूठे के क्लोन का प्रयोग कर 83 हजार 400 रुपए की साइबर ठगी की गई थी। पुलिस उक्त दोनों बैंकों से तुरंत स्टेटमेंट लेकर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज कराया। इसमें लगभग 10 लाख रुपए की राशि मौजूद है। इसके बाद मामले की बारीकी से जांच करते हुए पुलिस ने साइबर गैंग का खुलासा किया। पुलिस ने दिल्ली व पलवल में अलग-अलग जगह दबिश देकर गैंग की एक महिला सहित पांच आरोपियों को दबोच लिया।
अपराध करने का यह है तरीका
अपराधियों ने कई जिलों की तहसीलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में जाकर वहां कर्मचारियों से दस्तावेजों की प्राप्ति के लिए सांठगांठ करने की कोशिश की। जब उन्हें कहीं कामयाबी नहीं मिली तो पलवल जिले की तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेजों की बाइंडिंग करने वाले तुलाराम से सांठगांठ कर करीब 2078 रजिस्ट्रियों की प्रति प्राप्त कर ली। फिर रजिस्ट्री के कागजों के आधार पर संबंधित व्यक्ति के आधार से लिंक बैंक अकाउंट में बकाया राशि की जांच की। आधार कार्ड और अंगूठा के रबड क्लोन व बॉयोमैट्रिक डिवाइस के जरिए आधार कार्ड के लिंक का प्रयोग कर खातों से पैसों को अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया। इस तरह से एक बार में दस हजार रुपए निकाले जा सकते थे। इसका बार-बार प्रयोग कर करोड़ों रुपए की धांधली की।
कैसे सीखा ठगी का तरीका
अपराधियों ने उक्त तरीका ए वारदात यूट्यूब के माध्यम से सीखा। मुख्य आरोपी पहले बीपीओ (कॉल सेंटर) में कार्यरत था। इसके बाद उसने साइबर धोखाधड़ी के लिए अपना खुद का कॉल सेंटर खोल लिया। जहां से अलग-अलग लोगों पर फोन कर लुभावने ऑफर देकर धोखाधड़ी करने लगे।
44 के खातों से उड़ाए लाखों
साइबर ठगों ने जिले में 44 लोगों के बैंक खातों से 30 लाख से अधिक रुपए उड़ा दिए। तहसील से प्राप्त 2078 रजिस्ट्रियों में से 230 लोगों के अंगूठे के निशान लेकर अंगूठा क्लोन (प्लास्टिक की सीट पर अंगूठे के निशान) तैयार किए थे। इनके खातों से आने वाले दिनों में तीन करोड़ रुपए की ठगी करने का इनका प्लान था। लेकिन पुलिस ने पहले ही इन्हें दबोच लिया।
ठगों से क्या हुआ बरामद
बायोमैट्रिक मशीन, 11 डेबिड कार्ड अलग-अलग बैंकों के, 270 सिम कार्ड वोडाफोन-आइडिया व एयरटेल के, अंगूठा क्लोन रबड स्टैंप बनाने वाली मशीन, रबड़ जेल की पांच बोतल, एक लैपटॉप, प्रिंटर व स्कैनर, लेमिनेशन मशीन, रजिस्ट्री की 2078 कॉपियां (जिनका धोखाधड़ी में प्रयोग करते थे), अंगूठा क्लोन 200 (जिनमें तैयार किए हुए अंगूठा क्लोन 186, जबकि अंगूठा क्लोन का प्रयोग कर 34 खातों से 23 लाख 45 हजार 859 रुपए ठगे जा चुके थे), आधार कार्ड के 68 खाली प्लास्टिक फॉर्मेट कार्ड, 21 पैन कार्ड, 5 आधार कार्ड, 64 पासपोर्ट साइज फोटो व बैंक की पासबुक, चेकबुक सहित अन्य कागजात।
गैंग के ये सदस्य गिरफ्तार
इस प्रकरण का मास्टर माइंड यूपी के गाजियाबाद जिले के यूका टावर निवासी रोहित त्यागी, बिहार के औरंगाबाद की आदर्श कॉलोनी निवासी चितरंजन, बिहार के छपरा जिले के बसंत पोस्ट गांव निवासी आमिर हुसैन, नजफगढ़ नई दिल्ली निवासी किरण व खटैला गांव निवासी तुलाराम शामिल हैं।